2014 और 2017 में भी धांधली से चुनाव जीतने का आरोप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस टिप्पणी पर कि ईवीएम से चुनाव में भरोसा नहीं है तो बीएसपी के मेयर इस्तीफा दे, वहां पर बैलेट पेपर से दोबारा चुनाव कराया जायेगा, पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने कहा कि यह चोरी और ऊपर से सीनाजोरी की बदतर मिसाल है। उन्होंने कहा कि वास्तव में सन 2014 के लोकसभा व सन 2017 के उत्तर प्रदेश विधान सभा आम चुनाव में बीजेपी ने ईवीएम के माध्यम से चुनावी धांधली करके जीत हासिल की और केन्द्र व उत्तर प्रदेश में बहुमत की सरकार बना ली। इन दोनों ही चुनाव में बीजेपी को वैसा जनसमर्थन कतई नहीं था जैसाकि चुनाव परिणाम दर्शाते है।
अलीगढ और मेरठ में पार्टी को जबर्दस्त जन समर्थन का दावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस बार मेयर का चुनाव भी ईवीएम से कराया गया जहां धांधली करके 16 में से 14 सीट जीत ली गयी। अलीगढ़ व मेरठ में बीएसपी जीती क्योंकि यहां जर्बदस्त जन उबाल था तथा ज्यादा गड़बड़ी करने पर चोरी साफ तौर पर पकड़े जाने की आशंका थी, जिससे बीजेपी की और भी ज्यादा फजीहत हो सकती थी। नगर पालिका व नगर पंचायत के चुनाव में जहां ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से मतदान हुये, वहां आखिर बीजेपी क्यों पिछड़ गयी। इससे भी साफ है कि मेयर के चुनाव में ईवीएम के माध्यम से धांधली के कारण बीजेपी जीती न कि जनसमर्थन के कारण।
सहारनपुर, आगरा और झांसी में मशीनरी के दुरूपयोग का आरोप मायावती ने कहा कि सरकारी मशीनरी का जबर्दस्त दुरूपयोग करके बीएसपी के प्रत्याशी को खासकर सहारनपुर, आगरा व झांसी में हराया गया है। लखनऊ में भी चुनाव विभिन्न कारणों से स्वतंत्र व निष्पक्ष नहीं रहा है। मायावती ने कहा कि यह बात स्वयं राज्य चुनाव आयोग भी मानता है जिस सम्बन्ध में जांच भी कराई जा रही हैं।