यह भी पढ़ें – योगी के बयान पर मायावती का पलटवार, कहा – एक तो चोरी ऊपर से सीनाजोरी नगर निकाय नतीजे से उत्साहित हैं मायावती इससे पहले मायावती की
गुजरात चुनाव में प्रचार की कोई योजना नहीं थी। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव में मिली जीत उत्साहित बसपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। उन्होंने अब गुजरात में चुनाव अभियान में हिस्सा लेने का फैसला लिया है। बताया जा रहा है कि इससे पहले कांग्रेस ने गुजरात चुनाव में बसपा से गठबंधन की कोशिश की थी लेकिन बात नहीं बन पाने के कारण बसपा ने अकेले दम पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया।
यह भी पढ़ें – ई-रिक्शा को बनाया जाये परिवहन का मुख्य साधन, प्रदूषण रोकने के साथ ही होंगे कई सामाजिक फायदे गुजरात में दलित वोटों के लामबंद होने की उम्मीद गुजरात में पिछले कुछ समय से जाट आरक्षण और दलित उत्पीड़न के मसले पर जिस तरह से आंदोलन जारी है, उससे भी बसपा को वहां अपने लिए संभावनाएं दिख रही हैं। मायावती को उम्मीद है कि जिस तरह गुजरात में दलित उत्पीड़न का मसला पिछले कुछ समय से उभार ले रहा है, वैसे में दलित वोटों के लामबंद होने की उम्मीद है। इसी संभावना को
ध्यान में रखते हुए बसपा ने गुजरात के चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया है।