सपा अध्यक्ष अखिलेश ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ (X) पर पर पोस्ट करते हुए लिखा, “जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता क़ानून’ लाने से क्या होगा? उन्होंने आगे लिखा, “जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये। चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर ‘केयर फंड’ का भी।”
यह भी पढ़ें
Saina Nehwal: बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल पहुंची आगरा, मां के साथ किया ताज का दीदार
CAA लागू होने के बाद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी धर्म से जुड़े शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता दे दी जाएगी। उन्हें ही नागरिकता मिलेगी, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आकर बस गए हैं। मतलब इस तारीख तक भारत में आकर बसे सभी गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। बता दें कि 11 दिसंबर, 2019 को संसद में CAA को पारित किया गया था, जिसमें 125 वोट इसके पक्ष में पड़े थे और 105 वोट इसके खिलाफ थे। राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर 2019 को मंजूरी भी मिल गई थी।