अयोध्या के संत बोले- रामलला को मिला अधूरा इंसाफ
कड़ी सुरक्षा में फ्लाइट से भेजा जाएगामोहम्मद अजीज की रिहाई के बाद उन्हें जेल से बाहर बने गार्ड रूम में रखा गया है। वहां उनके खाने और रुकने की व्यवस्था की गई है। पुलिस का कहना है कि सिक्योरिटी के बाद उन्हें बम्हरौली एयरपोर्ट के लिए रवाना कर दिया जाएगा, जहां से वह हवाई जहाज से दिल्ली जाएंगे। दिल्ली से जम्मू तक उन्हें दूसरी फ्लाइट से भेजा जाएगा। फ्लाइट के टिकट का इंतजाम उनके वकील शमशुल हसन की ओर से किया गया है। इस दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम रहेंगे।
5 जुलाई 2005 की सुबह करीब नौ बजे आतंकवादियों ने अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि परिसर की बैरिकेडिंग के पास और परिसर में अत्याधुनिक हथियारों से ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए बम धमाका किया था। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात कई जवान जख्मी हुए थे। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी पांच आतंकियों को ढेर कर दिया था। बाद में पांच और आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था। आतंकियों के इस हमले में दो आम नागरिक भी मारे गए थे और सात अन्य लोग घायल हुए थे।
जानिये 5 जुलाई की सुबह कैसे बम धमाकों से दहल उठी थी अयोध्या
कब क्या हुआ– 5 जुलाई 2015 को आतंकियों ने अयोध्या में अधिग्रहित परिसर में हमला किया। रिपोर्ट इसी दिन दर्ज की गई।
– 22 जुलाई 2015 को चार आरोपितों एवं 28 जुलाई को एक और आरोपित की गिरफ्तारी हुई।
– 26 नवंबर 2006 को जिला जज फैजाबाद में आरोप तय किया फिर गवाही शुरू की गई।
– 08 दिसंबर 2006 को मुकदमा हाईकोर्ट ने फैजाबाद से इलाहाबाद जिला न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया।
– 30 नवंबर 2017 को एसएसपी के पत्र पर सुरक्षा दृष्टि से नैनी जेल में सुनवाई शुरू हुई थी। 09 जून 2019 को नैनी सेंट्रल जेल में इस बहुचर्चित मामले की सुनवाई पूरी हुई और फैसले की तारीख मुकर्रर की गई।
– 18 जून 2019 को नैनी सेंट्रल जेल में विशेष जज दिनेश चंद्र ने चार आरोपितों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
1- आशिक इकबाल उर्फ फारूख- निवासी सखी मैदान थाना मेंड़र जिला पूंछ, कश्मीर
2- मोहम्मद नसीम निवासी डेरा मंडल थाना मेंडर जिला पूंछ, कश्मीर
3- डॉ. इरफान निवासी शेखजाद गानान थाना टीटरो जिला सहारनपुर, उत्तर प्रदेश
4 – शकील अहमद निवासी सखी मैदान थाना मेंडके जिला पूंछ, कश्मीर
14 साल बाद रामलला को मिला इन्साफ अयोध्या आतंकी हमले के चार दोषियों को उम्रकैद
इन धाराओं में हुई थी एफआईआरअयोध्या में हुए आतंकी मामले (Ayodhya Terrorist Attack) में आईपीसी की धारा 147, 148 149, 307, 353, 153, 153 ए, 153बी, 295, 7 क्रिमिनल लॉ एमेंडमेंट एक्ट, 4 लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम तथा विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन अधिनियम की धारा 16, 18, 19 और 20 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया था। मामले में एक अभियुक्त मोहम्मद अजीज (Mohammad Aziz) को बरी कर दिया गया।