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लखनऊ

यूपी-दिल्ली में 100 से ज्यादा सक्रिय हैं नाइजीरियन, सोशल मीडिया से करते हैं ठगी, अवैध रूप से रह रहे हैं भारत में

More than 100 Nigerian living in UP Delhi involved in Cyber Fraud- उत्तर प्रदेश में बड़े नाइजीरियन ग्रुप का भंडाफोड़ हुआ है। यूपी-दिल्ली में 100 से ज्यादा नाइजीरियन अवैध तरीके से सक्रिय हैं। कोई मेडिकल वीजा (Medical Visa) लेकर चो कोई टूरिस्ट वीजा (Tourist Visa) लेकर उत्तर प्रदेश में रह रहा है।

लखनऊAug 06, 2021 / 02:59 pm

Karishma Lalwani

More than 100 Nigerian living in UP Delhi involved in Cyber Fraud

More than 100 Nigerian living in UP Delhi involved in Cyber Fraud

लखनऊ. More than 100 Nigerian living in UP Delhi involved in Cyber Fraud. उत्तर प्रदेश में बड़े नाइजीरियन ग्रुप का भंडाफोड़ हुआ है। यूपी-दिल्ली में 100 से ज्यादा नाइजीरियन अवैध तरीके से सक्रिय हैं। कोई मेडिकल वीजा (Medical Visa) लेकर चो कोई टूरिस्ट वीजा (Tourist Visa) लेकर उत्तर प्रदेश में रह रहा है। यहां तक कि वीजा खत्म हो जाने के बाद भी वह वापस नहीं लौटे हैं। यह छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर रह रहे हैं और साइबर ठगी की गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। अब तक इन्होंने कई युवक युवतियों को साइबर ठगी का शिकार बनाकर लूटा है। यह सोसाइटी में छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर रह रहे हैं। ये सोसाइटी दिल्ली में बैठकर देशभर में साइबर ठगी को अंजाम दे रही है। इसका खुलासा तब हुआ जब क्राइम ब्रांच की टीम ने नाइजीरियन साइबर ठग ओकुरिवामा मोसिस का बैकग्राउंड खंगाला। इसके लिए अफसरों ने कई दिनों तक दिल्ली में रहकर जानकारी जुटाई। क्राइम ब्रांच ने युवक-युवतियों के साथ सोशल मीडिया पर दोस्ती कर ठगी करने वाले नाइजीरियन मोसिस को गिरफ्तार कर लिया है।
व्हाट्सऐप ग्रुप से खुला राज

गिरफ्तार किए गए नाइजीरियन मोसिस का मोबाइल खंगाला गया तो वहां से कई खुफिया जानकारियां मिलीं। मोबाइल को जांच के लिए कब्जे में लिया गया था। मोबाइल जांच के बाद पूरे गिरोह का पर्दाफाश हुआ। क्राइम ब्रांच की टीम ने दिल्ली में इन तथ्यों का सत्यापन भी किया। मोसिस के मोबाइल में अजामैन नाम का व्हाट्सऐप ग्रुप मिला। इस ग्रुप में नाइजीरियन और क्रिश्चियन कम्युनिटी के ग्रुप के लोग हैं। जांच में पता चला है कि दिल्ली में 100 से ज्यादा नाइजीरियन अवैध तरीके से रह रहे हैं। इन सभी लोगों ने मिलकर अजामैन नाम की सोसाइटी बनाई हुई है। यही लोग अलग-अलग शहरों में साइबर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। इनके संपर्क में दक्षित भारत के कई युवक युवतियां भी हैं।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाता

नाइजीरियन के संपर्क में दक्षिण भारत के कई युवक युवतियां पाए गए हैं जो साइबर ठगी को अंजाम देने में मदद करते हैं। यह लोगों से अपना नाम और पहचान बदलकर संपर्क करते हैं। नाइजीयियन ठग भारत आकर प्री एक्टिवेटेड सिम खरीदते हैं। इसके बाद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाता खुलवाते हैं। बात करने के लिए नंबर भी दूसरा इस्तेमाल करते हैं। यह ग्रुप अपने किसी मोबाइल नंबर से ठगी की बातचीत नहीं करते हैं ताकि उन्हें ट्रेस न किया जा सके। सभी नंबर कोडवर्ड में सेव किए गए हैं। क्राइम ब्रांच ने मोसिस की महिला मित्र मेंडी को भी ट्रेस कर लिया है। जल्द ही उसकी गिरफ्तारी भी कर ली जाएगी।
कानपुर में ठगी कर नाइजीरिया में बनाया मॉल

फेसबुक और इंस्टाग्राम पर महिलाओं से दोस्ती के बाद महंगे उपहार भेजने का झांसा देकर लाखों रुपये हड़पने वाले नाइजीरियन ठग ओकुवारिमा मोसिस ने नाइजीरिया के एबियोकुटा शहर में अपना शापिंग माल भी खोल था। वह भारत की विभिन्न कंपनियों से उत्पाद खरीदकर वहां भेजता था। मॉल में उसने डिजाइनर कपड़ों का शोरूम खुलवाया था। बता दें कि नवाबगंज के पहलवान पुरवा गांव निवासी युवती की शिकायत पर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज हुई थी। धोखाधड़ी, जालसाजी व आईटी एक्ट के मुकदमे की जांच के बाद पुलिस ने शनिवार को नाइजीरिया निवासी ओकुवारिमा मोसिस को नई दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर गिरफ्तार किया था। आरोपित ने युवती से इंस्टाग्राम पर दोस्ती के बाद उसे हीरों का हार भेजने का झांसा दिया था। इसके बाद तीन जून को आरोपित की महिला मित्र मिंडी ने खुद को कस्टम विभाग का अधिकारी बता युवती को फोन किया और डराकर खाते में 4.05 लाख रुपये जमा करा लिए थे। ठगी की रकम से उसने पत्नी को नाइजीरियन मॉल खुलवाया था।
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