मुलायम सिंह ने यह दिया था बयान मालूम हो कि रविवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सपा संस्थापक व संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने कहा कि श्रीराम तो सिर्फ उत्तर भारत में पूजे जाते हैं, जबकि भगवान श्री कृष्ण उत्तर भारत के साथ ही दक्षिण भारत में भी पूजे जाते हैं। गाजियाबाद में मुलायम सिंह यादव आज यादव युवक-युवती परिचय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। गाजियाबाद के इंदिरापुरम के वैशाली इलाके में आयोजित कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि भारत में भले ही भगवान श्रीराम के अनुयायी बहुत हों, लेकिन श्रीकृष्ण के अनुयायी भी उनसे कम नहीं हैं। मुलायम सिंह यादव का यह बयान आते ही राजनीतिक गलियारों में जैसे भूचाल सा आ गया हो। सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस बयान पर सियासी बयानबाजी शुरू कर दी।
भाजपा ने कहा- मुलायम सिर्फ बांटने का काम करते हैं भाजपा ने मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के भगवान राम और कृष्ण को लेकर दिए गए बयान को निंदनीय बताया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. मनोज मिश्र ने कहा है कि मुलायम सिंह फ्रस्टेडेड हैं और वह कुछ भी बयान देते रहते हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्होंने सिर्फ लोगों को बांटने का ही काम किया है। समाज, धर्म और देश बांटा है, अब भगवान को भी बांट रहे हैं। वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना है कि जब देवी-देवता कण-कण में विद्यमान हों तो उत्तर-दक्षिण का सवाल कहां खड़ा होता है। उन्होंने कहा कि भगवान आस्था के प्रतीक हैं। कोई राम को मानता है तो कोई रहीम को।
भगवान पर सियासत मालूम हो कि पिछले दिनों अयोध्या में श्रीराम की विशाल मूर्ति लगाने की योगी सरकार की तैयारी का समाजवादी पाटी ने विरोध किया था। पार्टी ने इसे योगी सरकार की राम के नाम पर सियासत करार दिया था, लेकिन इसके बाद औरैया में श्रीकृष्ण की मूर्ति लग गई। इस पर भी सियासत तेज हो गई। मामले में सपा अध्यक्ष
अखिलेश यादव तक को सफाई देनी पड़ थी कि यह प्रोजेक्ट दो साल पुराना है। कोई नया नहीं है। वहीं, मुलायम सिंह यादव के गृह नगर सैफई में कांसे की बनी भगवान कृष्ण की 50 फीट ऊंची प्रतिमा भी इन दिनों चर्चा का विषय बनी है। रथ का पहिया उठाने वाली मुद्रा में बनी इस प्रतिमा को यादव बहुल इलाके में लगाने का विचार उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का था। बताया जाता है कि यह प्रतिमा भी देश में सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। इसका उद्घाटन संभवत: जनवरी में होना है।