scriptपार्टी को बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव की आखरी कोशिश! | Mulayam Singh Yadav makes last attempt to save samajwadi party from division before up election 2017 | Patrika News
लखनऊ

पार्टी को बचाने के लिए मुलायम सिंह यादव की आखरी कोशिश!

समाजवादी पार्टी(सपा) में चल रहे घमासान के बीच पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने 24 अक्टूबर को सांसदों और विधायकों की आपात बैठक बुला ली है।

लखनऊOct 19, 2016 / 11:17 pm

Abhishek Gupta

Mulayam

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लखनऊ. समाजवादी पार्टी(सपा) में चल रहे घमासान के बीच पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने 24 अक्टूबर को सांसदों और विधायकों की आपात बैठक बुला ली है।

राजनीतिक प्रेक्षक इसे मुलायम सिंह यादव की पार्टी को टूटने से बचाने की कोशिश के रुप में देख रहे हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बताया कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) ने आगामी 24 अक्टूबर को लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों, विधानसभा तथा विधान परिषद सदस्यों के साथ ही पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों की बैठक बुलायी है।

शिवपाल यादव का दावा है कि पार्टी में सब कुछ ठीक हो जाएगा। बैठक में कोई बड़ी घटना नहीं घटेगी, लेकिन राजनीतिक प्रेक्षक इसके उलट मुलायम सिंह यादव द्वारा सांसदों और विधायकों की बैठक बुलाने को पार्टी को टूटने से बचाने की कोशिश के रुप में देखा जा रहे हैं।

सपा अध्यक्ष के पांच नवम्बर को पार्टी के रजत जयन्ती समारोह मनाने की घोषणा को नजरंदाज करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीन नवम्बर से अपनी विकास यात्रा शुरु करने का एलान कर दिया। इस एलान से साफ हो गया कि मुख्यमंत्री लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में आयोजित रजत जयन्ती समारोह में शायद ही शामिल हों।

मुख्यमंत्री ने अपने पिता और सपा अध्यक्ष को पत्र लिखकर विकास यात्रा शुरु करने की सूचना दी और उसकी प्रति पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव और प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को भेजी। पत्र पाते ही मुलायम सिंह यादव ने 24 तारीख को बैठक बुला ली। बैठक में विधायकों की राय बनी तो कोई बडा निर्णय भी लिया जा सकता है।

इन्हीं घटनाक्रमों के बीच अखिलेश यादव समर्थकों के नये आशियाने जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट से सपा अध्यक्ष को एक पत्र भेज दिया गया कि रामगोपाल यादव के खिलाफ नारेबाजी करने वालों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए। उनका कहना था कि जब अखिलेश यादव के समर्थन में नारेबाजी करने वाले युवाओं को पार्टी से निष्कासित किया जा सकता है तो राष्ट्रीय महासचिव के खिलाफ नारे लगाने वालों को क्यों नहीं।

जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट का उद्घाटन गत नौ अक्टूबर को नवरात्रि में हुआ था। इसके बाद ही मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों को सपा कार्यालय से हटाकर जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में तैनात कर दिया गया। इस बारे में पार्टी में कुछ नहीं कहा गया लेकिन दावा किया गया कि पुलिस के उच्चाधिकारियों के आदेश पर ट्रस्ट में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई। इससे साफ हो गया कि सपा कार्यालय में मुख्यमंत्री की आमदरफ्त अब शायद ही हो।

उधर, कल पार्टी महासचिव रामगोपाल यादव के निर्वाचन आयोग जाने से भी तमाम तरह की अटकलें लगनी शुरु हो गयीं। कुछ लोगों का कहना था कि यादव का निर्वाचन आयोग जाना कोई बडी राजनीतिक घटना को जन्म दे सकती है। हालांकि, इस पर दोनों ओर से कुछ भी नहीं बोला जा रहा है।

इसी बीच, आज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके सरकारी आवास पर संवाददाताओं ने 22 अक्टूबर और पांच नवम्बर के कार्यक्रमों में शिरकत करने के बारे में पूछा तो उन्होंने साफ कहा, “मैं कुछ नहीं बोलूंगा।” उसके बाद वह सीधे मुलायम सिंह यादव के पास गये। वहां शिवपाल सिंह यादव की मौजूदगी में काफी देर तक उनसे बात की। बातचीत खत्म होने के बाद मुलायम सिंह यादव दिल्ली रवाना हो गए।

इन घटनाक्रमों के बीच राजनीतिक हलकों में अटकलों का बाजार गर्म है। तरह तरह की चर्चाएं हैं। चर्चाओं के बीच लोगों की नजर अब 24 अक्टूबर पर लग गयी हैं।
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