सपा-बसपा गठबंधन को अनुचित करार देते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा कि बिना नाम लिये ही
अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने ही समाजवादी पार्टी को कमजोर करने पर तुले हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की हैसियत बसपा से ज्यादा है। आखिर किस आधार सीटों का बंटवारा किया गया है। बिना लड़े ही समाजवादी पार्टी की सीटें आधी हो गई हैं। मुलायम यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि जो भी समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, वह हमें लिखकर दें। मैं उन सभी को चुनाव लड़ाउंगा। मुलायम के बयान के बाद एक बार फिर उत्तर प्रदेश की गलियारों में सियासी हलचल बढ़ गई है। एक बार फिर उनके बयान के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
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मुलायम को समझना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है… आसान नहीं मुलायम के चरखा दांव को समझ पानानेताजी की यह पुरानी आदत है। वह जब-तब ऐसा कुछ बोल देते हैं, कुछ ऐसा कर देते हैं कि सुर्खियां बन जाता है।
16वीं लोकसभा में आखिरी दिन भी सदन में यही हुआ। उन्होंने कहा था कि मैं चाहता हूं कि सदन में बैठे सभी सदस्य फिर से चुनाव जीतकर आयें।
नरेंद्र मोदी भी दोबारा प्रधानमंत्री बनकर आयें। मुलायम के इस बयान पर खूब सियासी हंगामा मचा था।