यूपी कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश आबकारी (बार लाइसेंसों की स्वीकृति) नियमावली-2020 में परिवर्तन किया है। बार लाइसेंस लेने के लिए आवेदन के समय परिसर में रेस्टोरेंट का संचालित होने की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। आबकारी आयुक्त के अनुमोदन के बाद लाइसेंस फीस जमा करने के समय तक परिसर में रेस्टोरेंट संचालित होना अनिवार्य किया गया है।
पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एयरपोर्ट, विशेष ट्रेनों और क्रूजों में भी बार लाइसेंस स्वीकृत किए जाने की व्यवस्था की गई है। पारदर्शिता के लिए लाइसेंस स्वीकृति की ऑनलाइन प्रक्रिया होगी। प्रत्येक बार और क्लब को जियो टैग किया जाएगा। यह कदम ईज आफ डूइंग बिजनेस के लिए उठाया गया है। इसके लिए पहले लाइसेंस भले किसी महीने में स्वीकृत हो, लेकिन फीस पूरे सालभर की ली जाती थी। अब जिस महीने से लाइसेंस स्वीकृत होगा उसके पहले के तीन माह की फीस में छूट दी जाएगी। बार लाइसेंस के लिए परिसर में न्यूनतम कुर्सी क्षेत्रफल दो सौ वर्गमीटर व न्यूनतम 40 व्यक्तियों के बैठने की व्यवस्था होने की अनिवार्यता रखी गई है।
पार्किंग स्थल की भी बदली व्यवस्था
पहले बार लाइसेंस के लिए परिसर में समुचित पार्किंग होना अनिवार्य था लेकिन, अब परिसर में 500 मीटर के अंतर्गत निजी पार्किंग व्यवस्था को पर्याप्त माना जाएगा। वहीं बार लाइसेंसों की स्वीकृति के संबंध में जिला स्तरीय बार समिति के निर्णय से असंतुष्ट होने की स्थिति में मंडलायुक्त के समक्ष अपील करने की व्यवस्था की गई है। ऐसे ही बार लाइसेंस प्राप्त परिसर में परिवर्तन जिला स्तरीय बार समिति की संस्तुति पर 10 प्रतिशत वार्षिक लाइसेंस फीस लेकर आबकारी आयुक्त कर सकते हैं।
नियमों का पालन न करने पर निरस्त होगा लाइसेंस
किसी विशेष आयोजन के लिए समारोह बार लाइसेंस सुबह 8 से रात्रि 12 बजे के मध्य छह घंटों की अवधि के लिए ऑनलाइन जारी किए जाएंगे, जिसे अतिरिक्त लाइसेंस फीस देकर रात्रि एक बजे तक किया जा सकता है। वहीं बिक्री बढ़ाने के लिए नियमों का पालन न करने पर पहली बार 25 हजार दूसरी बार 50 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा और तीसरी बार लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।