बच्चों को नहीं कर सकते स्कूल आने के लिए बाध्य स्कूलों में इन छुट्टी की वजह एक ये भी बतायी जा रही है कि ओमिक्रॉन के संभावित खतरे को देखते हुए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। अब स्कूल प्रबंधन बिना अभिभावकों की सहमति के किसी भी बच्चे को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है। इसके साथ ही स्कूल परिसर में सभी लोगों को आवश्यक रूप से मास्क पहनना होगा। इसे लेकर माध्यमिक शिक्षा परिषद ने गाइड लाइन भी जारी कर दी है। स्कूलों को विकल्प के तौर पर ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था करानी होगी। यदि स्कूल में किसी को भी जुकाम, बुखार आदि के लक्षण दिखते हैं तो उसे चिकित्सीय सलाह के साथ उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कोई भी आयोजन तब ही किया जाए जब उसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जा सकता हो।
कोविड प्रोटोकाल का करना होगा पालन स्कूल में अगर कोई प्रार्थना सभा या किसी तरह की खेलकूद व सांस्कृतिक गतिविधि हो रही है तो ऐसे में कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करना होगा। स्कूलों को रोज सेनेटाइज करना होगा। प्रवेश करते समय शिक्षकों, कर्मचारियों व छात्र-छात्राओं की थर्मल स्कैनिंग की जाए। हैंडवॉश और हाथों को सेनेटाइज कराने की व्यवस्था गेट पर ही की जाए। स्कूल की छुट्टी के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया जाए। विद्यालय के अंदर भी कम से कम छह फीट की दूरी का पालन कराया जाए। स्कूली वाहनों को भी रोज सेनेटाइज कराया जाए। बसों आदि के अंदर भी शारीरिक दूरी तय की जाए। इसके साथ ही शिक्षकों व कर्मचारियों का वैक्सीनेशन भी अनिवार्य रूप से कराया जाए।
ऑनलाइन क्लास पर जोर ज्यादातर पैरंट्स अपने बच्चों को ऑनलाइन क्लास ही करवा रहे हैं। बोर्ड एग्जाम वाले बच्चों को ज्यादा दिक्कत है, क्योंकि स्कूल में उनकी पढ़ाई अच्छे से हो पा रही थी, लेकिन वे भी अब ऑनलाइन पढ़ाई के ऑप्शन ही चुन रहे हैं। अभिभावकों को चिंता है कि उनके बच्चों को अभी वैक्सीन भी नहीं लगी है। ऐसे में कुछ दिन स्कूल न भेजना ही सही रहेगा। हालांकि स्कूल मैनेजमेंट का कहना है कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए सभी नियमों का पालन किया जा रहा है। कुछ स्कूल तो पूरी तरह से ऑनलाइन क्लासेज ही चला रहे हैं।