तेजी से बढ़ती कमरतोड़ महंगाई ने बहुत सारे परिवारों का बजट बिगाड़कर रख दिया है, जिसके चलते आय-व्यय में सामंजस्य बिठाना मुश्किल हो रहा है। महंगाई से सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यमवर्गीय परिवार हैं, कोरोना महामारी के दौरान जिनका रोजगार और व्यवसाय छूटा है। ऐसे लोग दिवाली पर न तो घर को सजा पा रहे हैं और न ही बच्चों की इच्छाओं को पूरा कर पा रहे हैं। महंगाई के चलते आज स्थिति यह है कि बेहद जोशखरोश के साथ मनाया जाने वाला त्यौहारी सीजन एकदम फीका है।
महंगाई की सबसे बड़ी वजह डीजल-पेट्रोल के बेतहाशा बढ़ते दाम हैं। महंगे डीजल की वजह से मालभाड़ा बढ़ता है, जिसका असर रोजमर्रा की वस्तुओं के मूल्य पर पड़ता है और सीधे तौर पर प्रभावित आम आदमी ही होता है। ऐसे में अब महंगाई से राहत के लिए जनता सरकार की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रही है। योगी सरकार ने डीजल-पेट्रोल पर से टैक्स कम करने के लिए हाल ही में मीटिंग बुलाई थी, लेकिन अभी तक कोई राहत भरा फैसला नहीं आ सका। ऐसे में अगर सरकार को टैक्स कम करना ही है तो त्यौहारी सीजन में करना चाहिए न कि चुनाव से ठीक पहले। इसके अलावा प्रशासन को भी लगातार इस पर नजर रखनी होगी कि मुनाफे के लोग कहीं खाद्य सामग्री का स्टोर मानक से ज्यादा तो नहीं कर रहे हैं।