अमेठी की गौरीगंज विधानसभा क्षेत्र से सपा विधायक राकेश प्रताप सिंह ने क्षेत्र की खराब सड़कों का मुद्दा उठाते हुए विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गये। तबियत बिगड़ी तो उन्हें जबरन लखनऊ के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे ओम प्रकाश राजभर ने गांव तक सड़क बनवाने के लिए मुख्यमंत्री योगी, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर समेत तमाम अफसरों को आठ पत्र लिखे, लेकिन जब सड़क नहीं बनी तो वह खुद कैबिनेट मंत्री रहते हुए फावड़ा लेकर जुट गये।
योगी सरकार के ही कई नेताओं ने सड़कों के खस्ताहाल पर तो नाराजगी जताई ही, जनता ने भी जमकर विरोध किया। केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ के लोगों ने जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए गड्ढ़ों की पूजा की और सड़कों का माल्यार्पण भी कराया। प्रदेश के कानून मंत्री व लखनऊ मध्य से विधायक बृजेश पाठक ने नाराजगी जताते हुए गड्ढ़ों को जल्द ही भरने के निर्देश दिये थे, बावजूद शहरवासी अभी हिचकोले ही खा रहे हैं।
सरकार का दावा है कि बीजेपी सरकार में सबसे ज्यादा सड़कें गड्ढामुक्त हुई हैं, लेकिन आज भी किसी भी जिले का कोई भी अधिकारी दावे के साथ यह नहीं कह सकता कि अमुक जिला गड्ढामुक्त हो गया है।
फिलहाल बीजेपी सहित सभी दल यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गये हैं। प्रदेश में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। अधिसूचना जारी होते ही आचार संहिता लग जाएगी। ऐसे में कहा जा सकता है कि अब चुनाव के बाद ही गड्ढामुक्त सड़कों पर काम हो पाएगा। हालांकि, अभी थोड़ा वक्त है। इस बीच अगर सरकार प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाने के लिए युद्धस्तर पर काम करे तो काफी हद तक सड़कें चमाचम हो जाएंगी।