ये भी पढ़ें- Patrika Keynote 2018 : विचारों के महाकुंभ का डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने किया शुभारंभ वीपी मलिक ने कहा- कश्मीर में जब-जब हालात सामान्य हाेते हैं या ठीक हाेने लगते हैं, ताे पाकिस्तान काे अच्छा नहीं लगता। दरअसल पाकिस्तान नहीं चाहता कि कश्मीर में शांति रहे। कारगिल का युद्ध इसी साेच का परिणाम था। कश्मीर में हालात सामान्य हाे रहे थे आैर एेसे में पाकिस्तान काे यह शांति अच्छी नहीं लगी आैर वहां की आर्मी ने कारगिल युद्ध छेड़ दिया। इसके बाद फिर दाेनाें देशाें के बीच बातचीत बढ़ी आैर सीज फायर पर समझाैता हाे गया। तय हुआ कि एलआेसी की तरह पालन किए जाएंगे आैर सीज फायर रहेगा, लेकिन पाकिस्तान नहीं माना।
ये भी पढ़ें- Patrika KeyNote 2018 में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने खोला ऐसा राज, हंसी से लोटपोट हो गए सभी पाकिस्तानी फाैज शांति नहीं चाहती- उन्होंने आगे बताया कि हम बात करें 2003 के सीज फायर की ताे समय-समय पर उल्लघंन हाेता रहा है। पाकिस्तान आर्मी यह मानती है कि अगर कश्मीर में शांति हाे जाएगी ताे उनके लिए मुश्किल हाे जाएगी। यही कारण है कि पाकिस्तानी फाैज शांति नहीं हाेने देती। वह इस तरीके से हमारी सरकार पर दबाव डालने की काेशिश करते हैं।
ये भी पढ़ें- योगी संत हैं और सच्चाई पर चलने के साथ राजनीति का भी ध्यान रखना होता है : गुलाब कोठारी बीजेपी आैर पीडीपी दाेनाें जम्मू आैर कश्मीर में अपने-अपने वाेट बैंक पर ध्यान दे रहे हैं- वीपी मलिक बोलें- आज कल के हालात क्या हैं, इस पर मुझे लगता है कि हमें सबसे पहले कश्मीर के जमीनी हालाताें काे समझना हाेगा। पहली बात ताे यह है कि पॉलिटिकल सिचुएशन बेहद खराब है। वहां जाे कुछ चुनिंदा लाेग हैं उन्हें कभी हम अपने साथ नहीं ले पाए या हमने काेशिश नहीं की। यही कारण है कि वहां पर एेसा लगता है कि आज वहीं लाेग वहां कश्मीर काे चलाते हैं आैर सरकारें एेसा नहीं कर पाती हैं। वहां बीजेपी आैर पीडीपी का गठबंधन ठीक नहीं चल रहा। दाेनाें जम्मू आैर कश्मीर में अपने-अपने वाेट बैंक पर ध्यान दे रहे हैं। दाेनाें का ध्यान जम्मू एंड कश्मीर आैर देश के लिए नहीं है। कट्टरवाद बढ़ गया है।
उन्होंने आगे कहा कि मैं कश्मीर काे 1962 से जानता हूं। 1990 में जब मैं वहां गया ताे एक गांव में हम किसी अॉपरेशन पर थे। हमने उस गांव के वरिष्ठ लाेगाें से बात की। गांव के बीच में एक
मंदिर था जिसकी बेहद अच्छी साफ सफाई थी। मैनें हैरानी से पूछा कि ये सफाई राेजाना हाेती है या आज विशेष है। उन्हाेंने कहा कि यह ताे हम राेजाना करते हैं। उन्हाेंने कहा कि यहां से जाे हमारे हिंदू भाई चले गए हैं, वाे एक
चीज हमारे लिए छाेड़ गए हैं, जिसकी हिफाजत करना हमारा फर्ज बनता है। ये 1990 के हालात हैं आैर आज क्या हालात हैं। आज हालात यह हैं कि एक गांव में कुछ आतंकी फंस गए। उन्हें बाहर निकालने के लिए इनके पैरेंट्स काे बुलाया आैर कहा गया कि उन्हें हथियार छाेड़कर सरेंडर कर दें। इनमें से एक की मां ने गुहार लगाई कि बेटे हथियार छाेड़ दें, लेकिन वह नहीं माना आैर वह इतना कट्टर बन गया था कि उसने साफ कह दिया कि नहीं वह हथियार नहीं छाेड़ेगा। बाद में उसे मरना पड़ा, लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह कट्टरपंथी विचारधारा जाे कश्मीर में नहीं थी, वह कहां से आ गई है।
कौन हैं जनरल वीपी मलिक-परम विशिष्ठ सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल से सम्मानित जनरल वीपी मलिक भारतीय थल सेना के इतिहास में एक प्रतिष्ठित और जाना-पहचाना नाम हैं। करगिल युद्ध में
भारतीय सेना का बखूबी नेतृत्व करने वाले मलिक देश के 19वें सेनाध्यक्ष रहे। भारत-पाकिस्तान मसलों पर उनका आंकलन सटीक और व्यावहारिक रहता है। जनरल वीपी मलिक ने ही वर्ष 1999 में सर्जिकल स्ट्राइक का फॉर्मूला दिया था।