चिकित्सा अधीक्षक ने कहा- समय की मांग है कि “दो ही बच्चे सबसे अच्छे” ।इससे न केवल परिवार ही सुखी रहता है बल्कि महिला का स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है । बार-बार गर्भ धारण करने से महिला के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। परिवार अगर छोटा है तो हम अपने बच्चों को अच्छा खान–पान और शिक्षा मुहैया करा पायेंगे | स्वयं भी एक अच्छी जिंदगी जी पाएंगे | शादी के बाद पहला बच्चा दो साल बाद और दो बच्चों मे तीन साल का अंतर नियोजित करें | परिवार को सीमित रखना अकेले महिला की ही जिम्मेदारी नहीं है । पुरुषों को भी आगे आना चाहिए।
परिवार नियोजन के अस्थायी साधन जैसे छाया गर्भनिरोधक गोली, त्रैमासिक गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, इमरजेंसी कॉण्ट्रासेप्टिव गोलियां, कंडोम सीएचसी पर निःशुल्क उपलब्ध हैं। सीएचसी पर कंडोम बॉक्स भी लगे हैं। साथ ही महिला नसबंदी और पुरुष नसबंदी की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध है। महिला नसबंदी करवाने पर लाभार्थी को 1400 रूपये की प्रतिपूर्ति धनराशि तथा पुरुष नसबंदी करवाने पर लाभार्थी को 2000 रूपये की प्रतिपूर्ति धनराशि दी जाती है।डॉ दिलीप ने कहा- परिवार नियोजन से सम्बन्धित परामर्श देने हेतु सीएचसी पर परिवार कल्याण परामर्श की सुविधा उपलब्ध है।साथ ही आशा कार्यकर्ता द्वारा भी समुदाय को इसके बारे में सलाह दी जाती है ।इस मौके पर परिवार नियोजन के साधनों का स्टाल भी लगाया गया और इच्छुक लोगों को निःशुल्क साधन वितरित किये गये ।