इससे पहले कांग्रेस महासचिव ने बिजली और किसानों के मुद्दों को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा था। क्या कारण है कि किसानों को दिल्ली आकर अपनी मांग उठाने से रोक दिया जाता है? भाजपा सरकार अपने प्रचार में तो किसानों की भलाई बताती फिरती है? फिर जब उप्र का किसान कहता है कि उन्हें गन्ने का बकाया चाहिए, कर्जमाफी और बिजली के दाम में कटौती चाहिए तो उन्हें बोलने क्यों नहीं दिया जाता?