सूत्रों के अनुसार अभिकरण हाईकोर्ट के आदेश पर इस मामले की सुनवाई कर रहा था। संपर्क करने पर बेसिक शिक्षा निदेशक उनियाल ने बताया कि इस मामले में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। शासन से इस बाबत दिशानिर्देश मांगे गए हैं। हरिद्वार में तैनात शिक्षक रविंद्र कुमार समेत कई प्रभावित शिक्षकों ने इस विषय पर अभिकरण में याचिका दायर की थी।
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शिक्षकों का कहना है कि छठे वेतनमान के तहत सभी शिक्षकों से विकल्प लेने के बाद वेतनमान का लाभ देने की व्यवस्था थी। इसमें प्रावधान था कि शिक्षक एक जनवरी 2006 से अथवा अपने प्रमोशन की तारीख से वेतन का निर्धारण करवा सकते हैं। लेकिन शिक्षकों से विकल्प नहीं लिए गए। बाद में 28 अप्रैल 2018 को विभाग ने पूर्व में ज्यादा वेतन दिए जाने की बात कहते हुए रिकवरी के आदेश जारी कर दिए थे। रविंद्र ने दावा किया कि अभिकरण ने रफीक मसीह प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले को उदाहरण मानते हुए रिकवरी पर रोक लगा दी है।
शिक्षकों का कहना है कि छठे वेतनमान के तहत सभी शिक्षकों से विकल्प लेने के बाद वेतनमान का लाभ देने की व्यवस्था थी। इसमें प्रावधान था कि शिक्षक एक जनवरी 2006 से अथवा अपने प्रमोशन की तारीख से वेतन का निर्धारण करवा सकते हैं। लेकिन शिक्षकों से विकल्प नहीं लिए गए। बाद में 28 अप्रैल 2018 को विभाग ने पूर्व में ज्यादा वेतन दिए जाने की बात कहते हुए रिकवरी के आदेश जारी कर दिए थे। रविंद्र ने दावा किया कि अभिकरण ने रफीक मसीह प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले को उदाहरण मानते हुए रिकवरी पर रोक लगा दी है।