राहुल गांधी ने कहा, NTPC घटना के पीड़ितों का दर्द देखकर बहुत दुःख हुआ। उनके परिवारों को बेहतर मुआवजा और
सरकारी नौकरी व घायलों को हर संभव मदद मिलनी चाहिए। श्रमिकों की मांग है कि लापरवाही की वजह से हुई इस दुर्घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए।
ट्वीट कर दी थी जानकारी राहुल गांधी ने बुधवार शाम घटना पर ट्वीट कर दुख जताया था। उन्होंने लिखा था, ‘रायबरेली NTPC प्लांट की घटना से मन विचलित है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिवार के साथ हैं। प्रशासन से निवेदन है कि जख्मियों को तत्काल मदद दी जाए।”देर रात राहुल ने ट्वीट किया, “NTPC में हुए हादसे की वजह से मैं कल (2 नवंबर) रायबरेली जाऊंगा। दोपहर में मैं गुजरात नवसर्जन यात्रा में पहुंचूंगा।”
घायलों को अस्पताल देखने पहुंचे रायबरेली पहुंचकर राहुल गांधी सबसे पहले जिला अस्पताल में घायलों से मिलने पहुंचे। उन्होंने पीड़ितों के परिवारजनों को पूरी मदद का आश्वासन दिया। वहीं दूसरी तरफ एनटीपीसी में कार्यत कर्मियों ने गुरुवार को एनटीपीसी के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। कर्मियों का कहना था कि बिना सुरक्षा के इंतजामों के उनसे काम करवाया जा रहा है।
बता दें कि हादसे में मरने वालों की तादाद 27 हो गई है। वहीं 100 से ज्यादा घायल हैं। NTPC ऊंचाहार में थर्मल पाॅवर प्लांट पर काम होता है। इसमें कोयले से पानी को गर्म करके बड़े ब्वॉयलर में भेजा जाता है। पानी को हाई लेवल पर फार्मेशन के जरिए स्टीम में कन्वर्ट किया जाता है। इसके बाद इसे बड़े टर्बाइन को चलाने के लिए भेजा जाता है। टर्बाइन में प्रेशर के जरिए फार्मेटेड स्टीम को भेजते हैं, जिसके बाद हाईलेवल की एनर्जी जनरेट होती है।
राजबब्बर भी पहुंचे राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, यूपी प्रभारी व सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद व सांसद प्रमोद तिवारी भी पहुंचे। लापरवाही भी है हादसे का बड़ा कारण
एनटीपीसी की 500 मेगावाट की यूनिट नंबर 6 का संचालन करीब एक पखवारा पहले शुरू कर दिया गया। एक इंजीनियर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह यूनिट अभी सही से कमीशन भी नहीं हुई थी। फिर भी इसे जबरदस्ती मैन्युअल चला दिया गया। गुस्से में ये इंजीनियर कहते हैं ये यूनिट इसलिए चलाई गई कि अफसरों की प्रमोशन की लालसा पूरी हो। तीन साल का प्रोजेक्ट ढाई साल में पूरा करवाने के चक्कर में ये हादसा हुआ।