मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में पीएम मोदी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया था। लेकिन पिछली सरकारें सबका साथ अपना विकास के नारे पर काम कर रही थी। पिछली सरकारें साथ सबका चाहती थी लेकिन विकास अपना करती थी। पर्व और त्योंहार में जब कमाई का समय आता था तो प्रदेश को दंगों की आग में झोंक दिया जाता था। इससे प्रदेश पिछड़ता चला गया। मिट्टी के कारीगरों का कारोबार चौपट हो गए। आज सरकार दबे कुचले लोगों की आवाज को एक आवाज दे रही है, उनको आगे बढ़ाने का काम कर रही है। माटीकला बोर्ड के माध्यम से इस उद्योग से जुड़े लोगों के चेहरे पर खुशी है।
उन्होंने कहा कि पहले प्रजापति समुदाय के लोगों के बनाए मिट्टी के बर्तन बिकते नहीं थे। 2017 में हमारी सरकार आने के बाद जानलेवा प्लास्टिक पर बैन लगाया। मिट्टी से जुड़े कारीगरों को पहचान देने के लिए माटीकला बोर्ड का गठन किया। कारीगरों को बर्तन बनाने के लिए नि:शुल्क इलेक्ट्रिक चॉक वितरित की। इससे जो कारीगर पहले 70 बर्तन बनाता था, वह 400 बर्तन तैयार कर रहा है। माटीकला बोर्ड की ओर से आयोजित प्रदर्शनियों के जरिए उनके व्यापार को बढ़ावा दिया गया। सरकार की योजना प्रजापति समुदाय और मिट्टी से जुड़े कारीगरों के लिए स्वावलंबन का आधार बनी।