अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष ने कहा कि जिन्ना को महापुरुष बताकर स्वामी प्रसाद मौर्या ने खुद को राष्ट्रदोही साबित किया है। ऐसे में उन्हें संवैधानिक पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। यह संविधान के साथ-साथ शहीदों का भी अपमान है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने अपनी ओछी राजनीति के लिये लाखों हिंदू-मुसलमानों का संहार करवाया। वो राष्ट्रदोही ही नहीं, बल्कि मानवद्रोही भी है।
एटा से भाजपा सांसद हरनाथ सिंह ने पीएम नरेन्द्र मोदी , भाजपा अध्यक्ष अमित शाह , सीएम योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी पदाधिकारियों को ट्वीट कर स्वामी प्रसाद मौर्या को पार्टी से निकाले जाने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि लगता है कि अब स्वामी प्रसाद मौर्या का पार्टी से मोहभंग हो गया है। बयान के लिये स्वामी प्रसाद मौर्य माफी मांगें, नहीं पार्टी ने बाहर निकाल दे।
जिन्ना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि भारत में जिन्ना का महिमा मंडन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देश के बंटवारे के लिये जिम्मेदार थे। ऐसे में कोई भारतीय भला कैसे उनकी उपलब्धियों का गुणगान कर सकता है।
उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष पद व अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की कार्यसमिति के सदस्य तनवीर हैदर उस्मानी ने कहा कि ऐसे मामलों पर राजनेताओं को सोच-समझ कर बयान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन्ना को महापुरुष वाले बयान पर मंत्री को देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्रा ने स्वामी प्रसाद मौर्या पर निशाना साधते कहा कि जिन लोगों को जिन्ना महापुरुष लगता है वो तुरंत ही पाकिस्तान चले जायें। या फिर जिन्ना की बनाई पार्टी मुस्लिम लीग में शामिल हो जायें।
कानपुर में यूपी के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने जिन्ना को महापुरुष करार दिया था। उन्होंने कहा था कि जिन्ना ने भी महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ ही आजादी की लड़ाई लड़ी थी। उनके योगदान को नकारा नहीं जा सकता। लोगों को हमारी सलाह है कि पहले वह इतिहास पढ़ें और फिर बोलें। फिर भी कोई उन पर उंगली उठाता है तो ये घटिया बात है। गुरुवार को उन्नाव पहुंचे स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि मीडिया की आदत उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की बनती जा रीह है। उन्होंने कहा कि आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में उनका भी योगदान रहा है। इस दौरान उन्होंने लोगों को इतिहास पढ़ने की भी सलाह दी।