कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अपने परिसर के आस-पास के गांवो को गोद लेकर उसमें आंगनबाड़ी केन्द्रो को सुविधा सम्पन्न बनाये ताकि इनके माध्यम से कुपोषित तथा क्षय रोग ग्रसित बच्चों को रोग मुक्त किया जा सकें। इस कार्य सभ्रान्त नागरिकों को भी जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही विश्वविद्यालय द्वारा स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन आदि की जानकारी भी नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को सेमिनार आयोजित कर दें ताकि उनके अंदर आत्म विश्वास जागे और वे विभिन्न कार्यक्रमों को अपनी ग्राम सभा में जरूरतमंदों को लाभ देकर विकास कार्यों को गति प्रदान कर सकें। राज्यपाल जी ने कहा कि इन महिलाओं को प्रेरित एवं प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालय की छात्राओं को तैयार किया जाये, ताकि वे समाज में फैली विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से बचने हेतु महिलाओं को जाग्रत कर सके।
कुलाधिपति ने कहा कि पूर्णपारदर्शिता एवं शुचिता के साथ नियुक्ति की जायंे तथा नियुक्ति हेतु निर्धारित मापदण्ड़ो का अक्षरशः पालन किया जाये। उन्होंने निर्देश दिया कि शत-प्रतिशत विद्यार्थियों की डिग्री यथाशीघ्र उनके पते पर प्रेषित करें, उचित होगा की डिजीटल लाॅकर की व्यवस्था की जाये। राज्यपाल ने महालेखाकार द्वारा निर्धारित ऑडिट आपत्तियों को भी समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि किसी भी दिशा में वित्तीय अनियमितता नही होनी चाहिए विश्वविद्यालय द्वारा जो भी अग्रिम दिये गये है उनकी नियमानुसार समय से वसूली हो तथा खातों की संख्या भी न्यूनतम रखी जाये तथा कार्मिकों के वेतन से पेंशन के लिये की जा रही अंशदान में कटौती को नियमानुसार खातों में जमा कराना सुनिश्चत करें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जो भी निर्माण कार्य चल रहे है उनकी भी कमेटी बनाकर समय-समय पर अनुश्रवण करते रहें।