scriptरोडवेज को अब तक 612 लाख का फटका | Shot of roadways so far 612 million | Patrika News
झालावाड़

रोडवेज को अब तक 612 लाख का फटका

बाकायदा इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।

झालावाड़Feb 14, 2017 / 02:35 pm

shailendra tiwari

झालावाड़. राजस्थान रोडवेज को लग रहे घाटे की भरपाई के लिए विभाग भले ही लाखों जतन कर रहा हो लेकिन विभाग परिचालकों व स्टेपनी व्यवस्था के सामने बौना साबित हो रहा है।

 जिले में बस को चैकिंग करने से पहले ही रोडवेज कर्मचारियों के पास सूचना पहुंच जाती है। सूचना तंत्र के लिए पूरा एक गिरोह काम कर रहा है। बाकायदा इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। 
ऐसे लोगों ने व्हाट्स-अप गु्रप भी बना रखे हैं। इस पर दिनभर फ्लाइंग की लोकेशन व रुट का अपडेट चलता रहता है। इससे परिचालक निश्चित रहते हैं और टिकट चोरी का खेल खुलेआम खूब चलता है। इससे रोडवेज का राजस्व घाटा 612 लाख रुपए तक चल रहा है। 
 सूत्रों की माने तो राजस्थान में झालावाड़ जिला डार्क जोन में होने के चलते यहां बाहर की फ्लाइंग भी नहीं आती है। इसके चलते परिचालक बेखौफ होकर चलते हैं। वहीं इनके मजबूत सूचना तंत्र को लोकल फ्लाइंग तोड़ नहीं पा रही है। 
इसी का फायदा उठा कर रोडवेज बसों में खूब चोरी हो रही है। जिले में गत वर्ष में राजस्थान रोडवेज की बसों में बिना टिकट के सवारियां पाए जाने के सर्वाधिक रिमार्क इसी डिपो में लगे हंै। ऐसे रिमार्क की संख्या 150 से अधिक बताई गई है।
इतनेघाटे में चल रही रोडवेज

राजस्थान रोडवेज डिपों में अप्रेल २०१६ से जनवरी 2017 में 612 लाख रुपए का घाटा चल रहा है। इसमें विभाग द्वारा 66.97 लाख आंशिक घाटा जरुर कम हुआ है। ऐसे में अब भी डिपो 545 लाख के घाटे में चल रहा है। 
सूत्रों का मानना है कि राजस्व घाटे का प्रमुख कारण सर्वाधिक राजस्व में छीजत माना जा रहा है। इसमें २ फीसदी का नुकसान लोक परिवहन, निजी वाहनों से माना जा रहा है।

 डिपो की इनकम बढ़ाने के लिए सुधार कर रहे हैं। किसी परिचालक के लगातार राजस्व में कमी आती तो बढ़ाने के लिए प्रयास करते हैं। लगातार चैकिंग भी की जा रही है। बसों में स्टेपनी व्यवस्था को भी देख रहे कहीं मिलती है,तो कार्रवाई करते हैं।
 बीआर बेडा, मुख्य प्रबन्ध राजस्थान रोडवेज डिपो, झालावाड़

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