उन्होंने कहा कि अब तक जो तय किया गया है उसके अनुसार भगवान परशुराम की 108 फीट की मूर्ति लगाएंगे। परशुराम जी की दुनिया मे इतनी बड़ी मूर्ति अभी कहीं नही है। यह सारा कार्य हम जनसहयोग से करेंगे। अभिषेक और संतोष कहते हैं कि सपा ने जनेश्वर मिश्रा की मूर्ति लगाई साथ ही बड़ा सा पार्क भी बनाया है जो सबके काम आ रहा है। उन्होंने कहा मैं समाजवादी पार्टी से जुड़ा हूं, तो जाहिर है इसके लिए सपा मुखिया की भी सहमति है। हम मूर्ति बनाएंगे, हम मंदिर बनाएंगे, हम एजुकेशनल रिसर्च सेंटर बनायेगे। जहां किताबें लिखी जाएंगी, उस पर रिसर्च होगी।
म्यूजिक तैयार किया जाएगा। कुल मिलाकर गुरुकुल का जो कॉन्सेप्ट है उसे एडॉप्ट करेंगे। इसके तुरंत बाद स्वभाव के विपरीत बसपा प्रमुख व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जो अभी तक दलित महापुरुषों की मूर्ति लगाने उनके नाम से पार्क बनाते-बनाते सत्ता से बाहर हो गयीं थीं वह भी आगे आकर बोलीं। भविष्य में यदि बसपा की सरकार बनी तो हम सभी जाति-धर्म के महापुरुषों की मूर्ति लगायेंगे। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार में सभी जातियों का सम्मान था आगे भी होगा। इसके बाद कांग्रेस भी ब्राह्मण ट्रैक पर दौड़ पड़ी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखा पत्र लिख कर भगवान परशुराम की जयंती पर होने वाले अवकाश को फिर से देने का अनुरोध किया।योगी सरकार आने के बाद उत्तर प्रदेश में महापुरुषों के नाम से होने वाली छुट्टियां रद्द कर उस दिन उनकी जीवनी पर छात्रों व समाज को जागरूक करने का फरमान दिया था। उसी के विपरीत जतिन प्रसाद ने यूपी सरकार द्वारा परशुराम जयंती पर होने वाली छुट्टी को पुनः करने के लिये विचार करने का सुझाव दिया है। उन्होंने लिखा है कि भगवान परशुराम विष्णु भगवान के छठे अवतार कहे जाते हैं जिसके कारण वह ब्राह्मण सामज की आस्था का प्रतीक हैं।