scriptसहारा हॉस्पिटल के डॉक्टरों को बच्चे के दुर्लभ स्कल बेस टयूमर को निकालने में मिली सफलता | Successful treatment of rare skull base tumors in Sahara Hospital | Patrika News
लखनऊ

सहारा हॉस्पिटल के डॉक्टरों को बच्चे के दुर्लभ स्कल बेस टयूमर को निकालने में मिली सफलता

– एक साल से सिर दर्द की समस्या से था परेशान, दवा से नहीं मिला था आराम

लखनऊMay 29, 2020 / 04:12 pm

Neeraj Patel

सहारा हॉस्पिटल के डॉक्टरों को बच्चे के दुर्लभ स्कल बेस टयूमर को निकालने में मिली सफलता

सहारा हॉस्पिटल के डॉक्टरों को बच्चे के दुर्लभ स्कल बेस टयूमर को निकालने में मिली सफलता

लखनऊ. सीतापुर तहसील महमूदाबाद का रहने वाला 13 वर्षीय बालक एक साल पहले सिरदर्द से पीड़ित था, दवा खाने के बावूजद पूरी तरह से उसे आराम नहीं मिल रहा था। किसी की सलाह पर उसने आँख के डाक्टर को दिखाया, उन्होंने चश्मा लगाने की सलाह दी और कुछ दवाएं भी दी। कुछ दिन बाद आराम नहीं मिला तो लगातार उसने दर्द कम करने की दवा खाना शुरू कर दिया। कुछ दिन बाद अचानक उसके सिर के दाहिनी तरफ व आंखों में सूजन दिखी।

परिजनों ने राजधानी में उसे एक न्यूरोसर्जन डाक्टर की क्लीनिक पर दिखाया। तब उन्होंने सीटी स्कैन व शुगर की जांच के बाद 4-5 दिन की दवा दी। जब जांच की रिपोर्ट आई तो डॉक्टर ने मरीज को पीजीआई रेफर कर दिया लेकिन लॉकडाउन में जब मरीज पहुंचा तो ओपीडी बंद थी।

मरीज ने एक और न्यूरो सर्जन को दिखाया तो उन्होंने सहारा हॉस्पिटल में डाक्टर संदीप अग्रवाल के पास भेजा। डा. अग्रवाल ने उसे भर्ती कर लिया और एमआरआई जांच कराई। एमआरआई जांच में पता चला कि यह अत्यंत जटिल और दुर्लभ स्कल बेस ट्यूमर है जो मस्तिष्क एवं आंख को दबा रहा है और नेसल कैविटी (नाक) में भी घुसा हुआ है। ट्यूमर की जटिलता को देखते हुए डॉ. अग्रवाल ने केस सहारा हॉस्पिटल के विख्यात न्यूरो सर्जन डॉ मनु रस्तोगी को रेफर कर दिया। जब डा. मनु रस्तोगी ने देखा तो पाया कि उसका ट्यूमर काफी वैस्कुलर है और स्कल बोन को फाड़ कर आंख तथा मस्तिष्क को दबा रहा है जिसकी वजह से आंख व नाक में सूजन है।

डा. मनु रस्तोगी ने इस जटिल ऑपरेशन के लिए योजना बनाई और सहारा हॉस्पिटल में उपलब्ध आधुनिक 128 स्लाइस सीटी स्कैन एवं थ्री डी रिकंस्ट्रक्शन तकनीक की सहायता से स्कल की हड्डियों के ट्यूमर ग्रसित होने का पता लगाया। ऑपरेशन में ट्यूमर को निकालने के साथ-साथ स्कल बेस रिकंस्ट्रक्शन एक चुनौती थी। इसके लिए डॉ. रस्तोगी ने विख्यात प्लास्टिक सर्जन डॉ. रोमेश कोहली को अपनी टीम में शामिल किया। सब तरह से ऑर्बिटल मार्जिन को बचाते हुए नाक व दिमाग से ट्यूमर को पूरी तरह से निकाल दिया गया।

इस ऑपरेशन में ज्यादा रक्तस्राव होने से बचाया गया। ऑपरेशन में दिमाग के अग्र भाग हिस्सा खुला हुआ था और ट्यूमर निकालने के बाद जो स्कल बोन में डिफेक्ट आया था, उसको टाइटेनियम जाली द्वारा कवर किया गया। प्लास्टिक सर्जन डा. रोमेश कोहली ने मरीज के स्कल डिफेक्ट को जहाँ से ट्यूमर फाड़ कर बाहर आ रहा था, रीकंस्ट्रक्शन सर्जरी द्वारा उसको ठीक तरह से बना दिया। डा. मनु रस्तोगी ने इस रेयर ट्यूमर को एक ही बार में सर्जरी द्वारा आंख नाक और दिमाग को बचाते हुए बखूबी निकालने में सफलता पाई। यह ट्यूमर क्रिकेट की बाल के आकार का था।

आमतौर पर ऐसे केस में कई बार दो सर्जरी करनी पड़ती है जिसमें मरीज का खर्चा बढ़ जाता है। डाक्टरों का कहना है कि यह सर्जरी सहारा हॉस्पिटल में इसलिए भी और बेहतर तरीके से सफल हो पाई, क्योंकि सभी सुविधाएं और कुशल चिकित्सक एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैंं। यह ऑपरेशन लगभग साढ़े तीन घंटे चला और कुछ दिन भर्ती रखकर मरीज डिस्चार्ज कर दिया गया। लॉकडाउन के समय में भी सहारा हॉस्पिटल में इतना बेहतर और सफल इलाज पाकर मरीज व उसके परिजन बेहद खुश थे।

सहारा इंडिया परिवार के वरिष्ठ सलाहकार अनिल विक्रम सिंह ने बताया कि हमारे अभिभावक सहारा श्रीजी द्वारा प्रदत्त इस विश्वस्तरीय हॉस्पिटल में सभी प्रकार की जटिल सर्जरी कुशल चिकित्सकों की टीम द्वारा निरन्तर की जा रही है, जिससे कई मरीज बेहतर चिकित्सा प्राप्त कर रहे हैैंं और हॉस्पिटल निरंतर नये आयाम स्थापित कर रहा है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो