लखनऊ

यूपी के 28 जिलों में नहीं हैं एक भी आदर्श टीचर, शिक्षक खुद को नहीं मानते काबिल

Teachers In UP: उत्तर प्रदेश के ऐसे तमाम शिक्षक हैं जो काबिल ही नहीं हैं। ऐसा हम नही बल्कि वह खुद कह रहे हैं। खबर पढ़ेंगे तो आपको भी यकीन हो जाएगा।

लखनऊMay 27, 2022 / 09:42 pm

Snigdha Singh

Teachers not Applied For State Teachers Prize 2021 in UP

परिषदीय विद्यालयों के हजारों शिक्षक अपने को आदर्श मानने को तैयार नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के लाखों शिक्षकों में से केवल उंगलियों पर गिने ही आदर्श शिक्षक के लिए दावा किया है। यह हाल केवल कानपुर का ही नहीं प्रदेश के कई जनपदों का भी है। 28 जनपदों में तो एक भी आवेदन नहीं किया गया है। नियमानुसार हर जनपद से तीन-तीन आवेदन होना जरूरी है। फिलहाल आवेदन करने के लिए शिक्षकों के पास 31 मई तक का समय है।
राज्य अध्यापक पुरस्कार वर्ष 2021 के लिए उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय, अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल में कार्यरत शिक्षकों से आवेदन मांगे गए थे। आवेदन शिक्षकों को ही करने थे, लेकिन किसी ने रुचि नहीं ली।
मंडल के चार जनपदों में शून्य आवेदन
कानपुर मंडल के इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज व औरैया में अबतक एक भी आवेदन नहीं आए हैं। कानपुर नगर में एक और कानपुर देहात में दो आवेदन जमा हुए हैं। प्रदेश के 25 जिले ऐसे हैं जहां से एक भी आवेदन नहीं आया है। या फिर यूं कहे कि यहां के शिक्षक खुद को काबिल समझते हैं। यहां के शिक्षकों को आवेदन करने के लिए जागरूक किया जा रहा।
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प्रयागराज में सबसे अधिक जागरूकता
प्रयागराज से पांच शिक्षकों ने आवेदन किया है। आजमगढ़, सिद्धार्थनगर व आजमगढ़ से चार, बस्ती, फिरोजाबाद, जौनपुर, सहारनपुर और सीतापुर से तीन-तीन आवेदन हुए। 21 जनपदों से दो-दो और 18 जनपदों से एक-एक आवेदन हुए। प्रदेश भर में मात्र गिने चुने शिक्षकों ने ही आवेदन किया।

31 तक कर सकते हैं दावा
निदेशक, बेसिक शिक्षा परिषद के अनुसार, शिक्षकों के लिए आवेदन करने का अभी भी समय है। 31 मई तक शिक्षक प्रेरणा वेब पोर्टल www.prernaup.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं।
क्यों नहीं करते आवेदन
– अध्यापक पुरस्कारों में राजनीतिक पहुंच बड़ी वजह
– अपने स्तर से किए गए कामों का संकलन न कर पाना
– डिजिटल के प्रति प्रशिक्षण के बावजूद जागरूक न होना
– आवेदन करने में आत्मविश्वास की कमी, पहले लेते अनुमति
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