डॉ शर्मा ने यह भी निर्देश दिया है कि यदि विद्यार्थी स्कूल बसों अथवा विद्यालय से सम्बद्ध सार्वजनिक सेवा वाहन से विद्यालय आते है तो वाहनों को प्रतिदिन सेनेटाईज कराया जाये तथा बैठने की व्यवस्था में सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। सभी शिक्षकों, विद्यार्थियों तथा विद्यालय के अन्य कर्मचारियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। विद्यालय प्रबन्धन द्वारा अतिरिक्त मात्रा में मास्क उपलब्ध रखे जाये। विद्यार्थियों को 06 फीट की दूरी पर बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ऑनलाइन पठन-पाठन की व्यवस्था यथावत जारी रखी जाये तथा इसे प्रोत्साहित किया जाये। जिन विद्यार्थियों के पास ऑनलाइन पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर विद्यालय बुलाया जाय। यदि कोई विद्यार्थी आनलाइन अध्ययन करना चाहता है तो उसे सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए।
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि विद्यालय 02 पालियों में संचालित किए जाए । प्रथम पाली में कक्षा 9 एवं 10 तथा द्वितीय पाली में कक्षा-11 एवं 12 के विद्यार्थियों को पठन-पाठन के लिए बुलाया जाय। एक दिवस में प्रत्येक कक्षा के अधिकतम 50 प्रतिशत तक विद्यार्थियों को ही बुलाया जाय।
अवशेष 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को अगले दिन बुलाया जाय। विद्यार्थियों को उनके माता-पिता/अभिभावकों की लिखित सहमति के उपरान्त ही पठन-पाठन हेतु बुलाया जाय। विद्यालय में उपस्थिति हेतु लचीला रूख अपनाया जाय तथा किसी विद्यार्थी को विद्यालय आने के लिए बाध्य न किया जाय। कोविड-19 के फैलाव तथा उससे बचाव के उपायों से समस्त विद्यार्थियों को जागरूक किया जाय।
उन्होंने कहाकि आगामी 19 अक्टूबर से विद्यालयों को खोले जाने के संबंध में अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा, आराधना शुक्ला द्वारा शासनादेश जारी कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में स्कूल खोलने से पूर्व स्वास्थ्य, स्वच्छता व अन्य सुरक्षा प्रोटोकाल के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) जारी कर दिया गया है, जो विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
उप मुख्यमंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने समस्त विद्यालयों तथा अभिभावकों से अपील की है कि वह इन मानक संचालन प्रक्रिया (एस0ओ0पी0) का अनुपालन सुनिश्चित करें। शुक्ला ने समस्त मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों एवं जिला विद्यालय निरीक्षकों को यह निर्देश दिया है कि शासनादेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाय तथा वह स्वयं भी विद्यालयों का नियमित निरीक्षण करें।