लखनऊ. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से करीब 60 किलोमीटर दूर उन्नाव में तीन मुस्लिमों को गाय की जान बचाना महंगा पड़ गया। गाय को बचाने के चक्कर में इन तीनों की जान चली गई। ये हादसा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर हुआ। दिलशाद खान (45), मोहम्मद असलम (48) और जहांगीर आलम (35) राजस्थान के
अजमेर से ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह से जियारत करके वापस आ रहे थे। तभी गाय अचानक रोड पर आ गई और उसे बचाने में असलम अपना संतुलन खो बैठा। ड्राइवर ने गाय को बचाने के लिए गाड़ी दाएं मोड़ दी, और कार डिवाइडर से टकरा गई। जिससे कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई और जहांगीर, दिलशाद और असलम की मौत हो गई। कार में बैठे बाकी लोगों को इलाज के लिए कानपुर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है
गाय को बचाने में गई जान
इस हादसे में घायलों ने बताया कि गाड़ी असलम चला रहा था। जब हम एक्सप्रेस वे से लौट रहे थे तभी गाड़ी के सामने अचानक एक गाय आ गई। असलम ने गाय को बचाने के लिए गाड़ी अचानक घुमाई, जिससे कार डिवाइडर से टकरा गई। जानकारी के मुताबिक मारे गए लोग बिहार के रहने वाले थे और सभी व्यापारी थे। वहीं उन्नाव की एसपी नेहा पाण्डेय ने बताया कि जहांगीर, असलम और दिलशाद की कार गाय को बचाते हुए डिवाइडर से टकरा गई। नेहा पाण्डेय के अनुसार तीनों मृतक बिहार के गोपालगंज जिले के मारवाड़ी मोहल्ला के रहने वाले थे। कार में कुल छह लोग सवार थे। सभी शनिवार (14 जुलाई) को
अजमेर पहुंचे थे। बिहार वापसी से पहले वो एक दिन दिल्ली में रुके और अपनी कार की मरम्मत करवाई। दिल्ली से सभी असलम के बेटे का अलीगढ़ स्थित एक पब्लिक स्कूल में दाखिला कराने के लिए गए।
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