तेज हवा से गिरा तापमान
चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के वरिष्ठ मौसम-कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि मौसम प्रणाली के कारण हरियाणा, दिल्ली, कानपुर मंडल सहित पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब और राजस्थान में धूल भरी आंधी और यहां तक कि छिटपुट बारिश हुई। यह भी पढ़ेंः
एक दुल्हन ने 10 लड़कों से रचाई शादी, सुहागरात में करने लगी ऐसा काम, बुलानी पड़ी पुलिस कानपुर सीएसए वेधशाला में हवा की गति बजे 30 किमी प्रति घंटे तक पहुंच गई, जिससे केवल एक घंटे के भीतर तापमान 36.6 डिग्री सेल्सियस से 35.6 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश और कानपुर मंडल सहित मध्य उत्तर प्रदेश और हरियाणा के कुछ हिस्सों में भी धूल भरी आंधी और तूफान से कई जगह पेड़ गिर गए।
आंधी के साथ ओलावृष्टि की संभावना
उन्होंने बताया कि अनियमित हो रहे इस मौसम के पीछे उत्तर पश्चिमी राजस्थान पर बना चक्रवाती परिसंचरण है। जो वायुमंडल में अस्थिरता पैदा कर रहा है। दिल्ली, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, दिल्ली, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश ,कानपुर मंडल सहित मध्य उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में अगले 24 घंटों के दौरान बारिश, आंधी और धूल भरी आंधी के साथ अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि के साथ कहीं कहीं बिजली गिरने की संभावना हो सकती है। यह भी पढ़ेंः
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डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि अच्छी खबर यह है कि इस प्री-मॉनसून गतिविधि से उत्तर भारत में हो रही भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि अभी भी जान-माल के नुकसान की आशंका है, लेकिन बारिश से स्थिति में काफी सुधार होगा।आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर, मध्य और दक्षिण भारत में प्री-मॉनसून गतिविधि जारी रहेगी। यह भारी बारिश किसानों के लिए वरदान साबित हो सकती है। क्योंकि इससे मिट्टी की नमी बढ़ेगी, जो आगामी फसलों के लिए अच्छी स्थिति बनाएगी।
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वरिष्ठ मौसम और कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि जल्द ही उत्तर भारत में हीटवेव के वापस आने की संभावना कम है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में बारिश की इस अवधि से की वापस आने की संभावना कम है। बारिश की इस अवधि के दौरान मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत के क्षेत्रों में कृषि को लाभ मिलेगा।