लखनऊ

स्टेम सेल थेरेपी से बौद्धिक विकलांगता का इलाज संभव

बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चों के इलाज के लिए चल रहे तमाम उपायों के बीच अब स्टेम सेल थेरेपी से इलाज का दावा किया जा रहा है।

लखनऊSep 13, 2017 / 09:26 pm

Laxmi Narayan

लखनऊ. बौद्धिक रूप से विकलांग बच्चों के इलाज के लिए चल रहे तमाम उपायों के बीच अब स्टेम सेल थेरेपी से इलाज का दावा किया जा रहा है। राजधानी लखनऊ के एक 16 वर्षीय मानसिक विकलांग बच्चे का स्टेम सेल थेरेपी से इलाज करने का दावा मुंबई के न्यूरोजेन ब्रेन एण्ड स्पाइन इंस्टीट्यूट के डाक्टरों ने किया है।
इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ आलोक शर्मा ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि उभरते अनुसंधान के साथ अब यह संभव हो सका है कि सेल थेरेपी का उपयोग कर क्षतिग्रस्त मस्तिष्क के ऊतकों को मरम्मत संभव है। इंस्टीट्यूट की उप निदेशक डॉ नंदिनी गोकुलचन्द्रन ने कहा कि लखनऊ के एक 16 वर्षीय बच्चे में बौद्धिक विकलांगता के लक्षण मिले। इस मामले में गर्भावस्था के दौरान किसी तरह की जटिलता के संकेत नहीं थे।
बच्चे के परिवार के लोगों ने बताया कि जब वह सात महीने का था तब बैठते समय संतुलन नहीं बना पाता था जबकि उसकी उम्र के अन्य बच्चे खड़े होने लगे थे। जब बच्चे की उम्र 5 साल हुई और उसे स्कूल में भर्ती करवाया गया तो उसे सीखने में दिक्कत महसूस हुई। इसके बाद उसे लखनऊ के एक मनो चिकित्सक को दिखाया गया जिससे बौद्धिक विकलांगता की पुष्टि हुई।
डॉ आलोक शर्मा ने कहा कि इस बच्चे का परीक्षण करने के बाद इलाज की प्रक्रिया शुरू हुई। एक सूई की मदद से मरीज की अपने ही बोन मैरो से स्टेम सेल लिए गए और प्रसंस्करण के बाद रीढ़ की हड्डी में वापस इंजेक्ट कर दिया। इसके साथ ही कुछ अन्य तरह के घरेलू एक्सरसाइज बताये गए जिसके बाद बच्चे के जीवन में सुधार आने की प्रक्रिया शुरू हो गई।
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