scriptUP Lok Sabha Chunav Result 2024: भाजपा को ले डूबा पूर्वांचल! बलिया से घोसी तक नहीं चला मोदी-योगी मैजिक | UP Lok Sabha Chunav Result 2024: Purvanchal drowned BJP! Modi-Yogi magic did not work from Ballia to Ghosi | Patrika News
लखनऊ

UP Lok Sabha Chunav Result 2024: भाजपा को ले डूबा पूर्वांचल! बलिया से घोसी तक नहीं चला मोदी-योगी मैजिक

UP Lok Sabha Chunav Result 2024: केंद्र की सत्ता का रास्ता यूपी से होकर गुजरता है। राजनीतिक लिहाज से ये राज्य बेहद अहम है। 2019 के लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी पूर्वांचल के नतीजे बीजेपी के लिए मनमाफिक नहीं दिख रहे हैं। यहां की 5 सीटें बीजेपी के लिए आज भी चिंता का कारण हैं। आइये देखते हैं इस बार क्या होने वाला है?

लखनऊJun 04, 2024 / 01:21 pm

Aman Pandey

UP Lok Sabha Chunav Result 2024
UP Lok Sabha Chunav Result 2024: यूपी की पूर्वांचल की राजनीति पर पूरे देश की नजर है। कारण यह है कि एक छोर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी है तो दूसरे छोर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जिला गोरखपुर है। बीजेपी के लिए मुश्किल यह है कि 2014 लोकसभा और 2017 विधानसभा चुनावों को छोड़ दें तो उसके बाद 2019 लोकसभा और 2022 विधानसभा चुनावों में बीजेपी के लिए यह इलाका सुकून देने वाला नहीं रहा है। 2019 लोकसभा चुनावों में यहां बीजेपी ने अपनी 5 लोकसभा सीटें गवां दी थीं तो 2022 विधानसभा चुनावों में कई जिलों में पार्टी का सूपड़ा ही साफ हो गया। 2019 में सिर्फ 3 लोकसभा सीटें बलिया, चंदौली और मछलीशहर ऐसी थीं, जहां मामूली वोटों से पार्टी कैंडिडेट चुनाव जीत सके थे। ले‌किन इस बार शुरुआती रूझान में ये तीन सीटें भी भाजपा के हाथ से निकली दिख रही हैं। 2024 का लोकसभा चुनाव कई मायने में यूपी में हुए अब तक के चुनावों से अलग रहा है।
राजनीतिक विशेषज्ञ पूर्वांचल में बीजेपी की ऐसी हालत का जिम्मेदार पार्टी का ओवर कॉफिडेंस बता रहे हैं। पिछली बार के चुनाव में पूर्वांचल हो साधने के लिए मोदी ने वाराणसी में 3 दिन तक डेरा जमाए रखा, लेकिन इस बार ओवर कॉफिडेंस की वजह से भाजपा ने पूर्वांचल को हल्‍के में ले लिया। बीजेपी के लिए इन सीटों पर प्रतिष्‍ठा का सवाल हैं।

जानें पूर्वांचल के 5 सीटों पर क्या है समीकरण

आजमगढ़ सीट

2019 के आम चुनाव में आजमगढ़ सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ढाई लाख से ज्यादा मतों से जीत हासिल की थी। यादव और मुस्लिम बहुल इस संसदीय सीट पर एमवाई फार्मूला काम करता रहा है। हालांकि, अखिलेश के रिजाइन करने के बाद हुए उपचुनाव में अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को यहां से करारी हार मिली और बीजेपी के प्रत्याशी दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को जीत मिली थी। पर जीत का अंतर काफी कम हो गया। 2024 में समीकरण समाजवादी पार्टी के पक्ष में है। क्योंकि उपचुनाव में बीजेपी के जीत का कारण बने बीएसपी कैंडिडेट गुड्डु जमाली अब समाजवादी पार्टी के साथ हैं। बीएसपी इस बार कई प्रत्याशी बदलने के चलते पहले जितना प्रभावी नहीं है।

घोसी सीट

पिछले चुनाव में घोसी लोकसभा सीट पर बहुजन समाज पार्टी के अतुल राय ने चुनाव जीता था। अतुल राय को 1,22,568 मतों के अंतर से जीत मिली थी। पर इस बार समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों ने मजबूत उम्मीदवार उतारे हैं। समाजवादी पार्टी से राजीव राय तो बहुजन समाज पार्टी से बालकृष्ण चौहान उम्मीदवार हैं। एनडीए ने यहां से सुभासपा के अनिल राजभर को उम्मीदवार बनाया है। अनिल सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बेटे हैं। बीजेपी ने घोसी के दारा सिंह चौहान को बीजेपी में शामिल किया था कि चौहान (नोनिया) वोटों का फायदा हो सकेगा। पर बीएसपी उम्मीदवार के भी नोनिया जाति से होने के चलते यह फायदा अब एनडीए कैंडिडेट को नहीं मिलते दिख रहा है। इसी सीट पर सपा से राजीव राय आगे चल रहे हैं।

गाजीपुर सीट

गाजीपुर लोकसभा सीट से सपा से अफजाल अंसारी मैदान में है। 2019 का आम चुनाव बहुजन समाज पार्टी से जीता था। इस बार मनोज सिन्हा के ही खास पारस नाथ राय को बीजेपी से टिकट मिला है। पर मुख्तार अंसारी की मौत के चलते समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अफजाल अंसारी को सहानुभूति वोट मिलने चर्चा है। शुरुआती रूझान में गाजीपुर सीट से अफजाल अंसारी आगे हैं।

बलिया सीट

बलिया में 2019 का चुनाव बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त ने मात्र 15,519 वोट से जीता था। शायद यही कारण है कि बीजेपी ने उनपर इस बार भरोसा नहीं जताया है। बीजेपी ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर को कैंडिडेट बनाया है। उनके सामने सपा के सनातन पांडेय और बीएसपी के ललन सिंह यादव मैदान में हैं। नीरज शेखर की स्थिति यहां मजबूत मानी जा रही थी, लेकिन शुरुआती रूझान में सनातन पांडेय आगे चल रहे है।

जौनपुर सीट

    जौनपुर लोकसभा सीट से भी 2019 में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था।इस सीट से बहुजन समाज पार्टी के श्याम सिंह यादव ने जीत हासिल की थी। 1989 से 2014 के बीच बीजेपी ने यहां से चार बार लोकसभा का चुनाव जीता था। इस बार बीजेपी ने मुंबई में पूर्वांचल के लोकप्रिय नेता कृपाशंकर सिंह पर दांव खेला है, पर उनका मुकाबला बाबू सिंह कुशवाहा से है जो समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं। बाबू सिंह कुशवाहा बीएसपी में रहते हुए अतिपिछड़ों के कद्दावर नेता रहे हैं। बीएसपी उम्मीदवार के कमजोर पड़ने की वजह से समाजवादी पार्टी को फायदा मिल रहा है। यहां धनंजय सिंह के समर्थन के बाद भी बीजेपी के पक्ष में चुनाव नहीं दिख रहा है।

    मछलीशहर सीट

      यूपी में मछली शहर लोकसभा सीट पर सबसे कम अंतर रहा था। बीजेपी यह सीट महज 181 वोटों से जीतने में सफल रही थी। मछली शहर में बीजेपी के मौजूदा सांसद बीपी सरोज उम्मीदवार हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी के 3 बार सांसद रहे तूफानी सरोज की 26 साल की बेटी प्रिया सरोज मैदान में है। यहां काटे की टक्कर है। शुरुआती रूझान में सपा की प्रिया सरोज आगे हैं।

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