1 करोड़ की हुई डील नाभा जेल से फरार होने वाले छह अपराधियों में से एक हरजिंदर सिंह भुल्लर उर्फ विक्की गोंड ने पिछले हफ्ते फेसबुक पर गोपी घनश्यामपुरा को लखनऊ में गिरफ्तार किए जाने की खबर पोस्ट की। पंजाब पुलिस ने यूपी के अफसरों से गोपी की गिरफ्तारी के बारे में पूछा तो अफसरों ने जानकारी होने से इनकार कर दिया। पंजाब पुलिस के सूत्रों के मुताबिक उसकी आखिरी लोकेशन शाहजहांपुर में मिली थी। इसके बाद जानकारी मिली कि उसे छोड़ने के एवज में यूपी की एक स्पेशल फोर्स के आईजी से 1 करोड़ रुपये की डील हो गई है। हिरासत में लिए गए अपराधी घनश्यामपुरा को छोड़ने के लिए जिस अफसर का नाम 1 करोड़ रुपए की डील में सामने आ रहा है वह लखनऊ में ही पुलिस की एक विंग में IG के पद पर तैनात है। सूत्रों के मुताबिक इस IG के पहले भी कई कारनामे सामने आ चुके हैं, लेकिन ऊपर तक पहुंच के चलते इसके खिलाफ शिकायत करने की हिम्मत विभाग में किसी की नहीं हुई।
आरोपियों ने कबूली IG की भूमिका वहीं अब अफसर का नाम आने के बाद जानकारी आईबी को दी गई। आईबी के कहने पर यूपी एटीएस 15 सितंबर को होटल पहुंची तो पता चला कि पंजाब के तीन लोग एक दिन पहले चले गए, तीन और लोग थोड़ी देर पहले निकले हैं। एटीएस ने सर्विलांस के जरिए उन तीनों को ट्रेस किया और सुलतानपुर के कांग्रेसी नेता संदीप तिवारी उर्फ पिंटू, पीलीभीत के हरजिंदर कहलो और अमनदीप को अरेस्ट कर लिया। पंजाब पुलिस और आईबी ने यूपी के वरिष्ठ अफसरों को इन आईजी के बारे में जानकारी दे दी है। पंजाब के शराब कारोबारी रनधीप सिंह रिंपल और अमनदीप की बातचीत की रिकॉर्डिंग में इनका नाम आया है। गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने भी इस अफसर की भूमिका कबूली है। सूत्रों के मुताबिक पंजाब के आईजी इंटेलिजेंस कुंवर विजय प्रताप ने पूरे मामले की रिपोर्ट और रिकॉर्डिंग डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को भेज दी है।
पिछले साल हुई थी वारदात पंजाब के पटियाला में नाभा जेल ब्रेक की वारदात 27 नवंबर 2016 को हुई थी। अपराधियों ने फायरिंग करके बब्बर खालसा ग्रुप के हरमिंदर सिंह मिंटू, विक्की गोंदर, गुरुप्रीत सिंह राखो उर्फ सोनू मुटकी, कुलप्रीत सिंह उर्फ नीता देओल, अमनदीप धोतिया और कश्मीर सिंह को छुड़ा लिया था। इस वारदात में पहली गिरफ्तारी सहारनपुर से हुई थी। इस वारदात का मास्टर माइंड गोपी घनश्यामपुरा था।