उन्होंने अभ्यार्थियों में फैले असमंजस को दूर करते हुए कहा कि आरक्षी पदों के लिए 42 हजार पद निकले हैं वह हाईकोर्ट में रुके 34 हजार पदों से अलग हैं। गौरतलब है कि आज भारी मात्रा में उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार में यूपी पुलिस की 34 हजार से ज्याद भर्तियों के परिणाम पर रोक न हटाने से भारी संख्या में अभ्यर्थियों ने लखनऊ में बड़ा प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने योगी सरकार से वर्दी देने या फांसी देने की मांग तक कर डाली है।
1.34 लाख पदों पर भर्तियां की जानी है- प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह और प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार ने कि 29 दिसम्बर 2015 को पुलिस भर्ती बोर्ड ने 34,716 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की। इसमें 29 हजार पद सिविल पुलिस और 5716 पद पीएसी के लिए थे। बाद में यह मामला हाईकोर्ट चला गया। 27 मई 2016 को मामले में कोर्ट ने स्टे देते हुए रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी। बाद में कोर्ट ने राज्य सरकार का पक्ष भी पूछा था, इस पर सरकार ने अपना पक्ष रख दिया है। सरकार ने कोर्ट से गुण-दोष के आधार पर निर्णय देने का अनुरोध भी किया। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद नौ अक्टूबर 2017 को निर्णय सुरक्षित कर लिया है।
प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि इन रिक्तियों को छोड़कर 42 हजार पद निकाले गए हैं। इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया 22 जनवरी से शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि यह भ्रम बन रहा था कि हाईकोर्ट में रुकी भर्तियां भी इनमें शामिल हैं या नहीं? इन 42 हजार पदों में हाईकोर्ट में रुकी भर्तियां शामिल नहीं हैं। यदि कोर्ट का फैसला पक्ष में आता है तो उन अभ्यर्थियों को भी इन 42 हजार से अलग मानते हुए कोर्ट के निर्देशानुसार प्रक्रिया की जाएगी। प्रदेश प्रवक्ता का कहना है कि प्रदेश में हाईकोर्ट में रुकी 34,716 पदों और 42 हजार पदों के अलावा 55 हजार से अधिक पद और खाली हैं। इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया भी चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। 1.34 लाख पदों पर भर्तियां की जानी है।