उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षामित्र संघ ने रविवार को राजधानी लखनऊ में बैठक बुलाई थी। बैठक में दो वर्षों से शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं बढ़ाये जाने पर नाराजगी जताई गई। संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा कि समायोजन रद होने के बाद से 1.37 लाख शिक्षामित्र 10 हजार रुपए मानदेय पर ही काम कर रहे हैं। सहायक अध्यापकों को हर वर्ष वेतन वृद्धि मिलती है, लेकिन बीते ढाई वर्षों में शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं बढ़ा। बैठक में प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा गया कि अगर 15 मार्च तक सरकार ने शिक्षामित्रों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया तो सरकार सड़कों पर आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
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शिक्षामित्रों के लिए बजट में कुछ न होना निराशाजनक : कांग्रेस
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार के चौथे बजट में शिक्षामित्रों के लिए कुछ भी नहीं है, जो अत्यन्त निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि बजट में शिक्षामित्रों के अलावा आंगनबाड़ी, रसोइयां, आशा बहू, रोजगार सेवक, चौकीदार, होमगार्ड, अनुदेशक एवं मदरसा शिक्षकों के लिए भी धन का प्रावधान होना चाहिए था।