केंद्र के बाद NCTE ने किया ऐलान
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के मुताबिक सीटीईटी 2011 (CTET) के जारी हो रहे प्रमाणपत्र अब आजीवन मान्य होंगे। इसके पहले सीटीईटी का प्रमाणपत्र केवल सात साल और 2020 का ही आजीवन मान्य था। मंत्री के बयान के बाद यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डा. सतीश द्विवेदी (Dr Satish Dwivedi) ने भी इस कदम का स्वागत करते हुए प्रदेश में भी ऐसा करने का ऐलान किया था। वहीं नौ जून को एनसीटीई (NCTE) यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने इसको लेकर विज्ञप्ति जारी की। नेशनल काउंसिलिंग की 50वीं बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया है कि 2011 से अब तक टीईटी के प्रमाणपत्र आजीवन मान्य होंगे। राज्य सरकारें भी इसको लेकर में निर्णय ले सकती हैं। केंद्र से आदेश जारी होने के बाद शासन ने भी परीक्षा संस्था से इस संबंध में प्रस्ताव मांगा। जिसके बाद परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रयागराज ने शासन को भेज दिया है।
21 लाख अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में शिक्षक पात्रता परीक्षा (Uttar Pradesh Teacher Eligibility Test) साल में एक बार होती है। दस साल में आठ परीक्षाएं हो चुकी हैं और उनमें करीब 21 लाख से ज्यादा परीक्षार्थी सफल हुए हैं। शासन इस संबंध में अगले हफ्ते आदेश जारी कर सकता है, जिसक बाद अब टीईची का प्रमाणपत्र आजीवन मान्य हो जाएगा। अभी तक यूपी टीईटी प्रमाणपत्र पांच सालों के लिए ही मान्य रहता था। इसके पहले 2012 में यूपी टीईटी परीक्षा नहीं हुई और 2020 की परीक्षा का नोटीफिकेशन इसी महीने जारी होने के आसार हैं।