सब्ज़ियों के दामों में कुछ दिनों पहले तक कुछ राहत थी। सब्जियों के भाव इतने अधिक न थे कि लोग खरीद न सके। इधर अचानक फिर से भाव अधिक बढ़ गए है। जिसके पीछे जिले की नदियों में आई बाढ़ से ग्रामीण इलाकों से सब्ज़ियों का न आना बताया जा रहा है। क्योंकि जिले में बेतवा, यमुना, पहुज व सिंध नदी के किनारे हज़ारों एकड़ में किसान सब्ज़ी बोते है जो पिछले दस दिनों से बाढ़ में डूबकर खराब हो चुकी है जिससे आलू, टमाटर, लौकी, घुइयां, परवल, बैंगन, कद्दू सहित लगभग हर सब्जी महंगी हो गई है और आम आदमी की मुसीबत बढ़ गई है। लोग अपनी पसंद की सब्जियां नही खरीद पा रहे हैं। भाव पूछते ही होश उड़ जाते हैं। महंगाई अधिक होने से खरीदने की हम्मित नही जुटा पाते। दूसरे शहरों से भी आवक काफी कम हो गई है। हालत यह है कि गरीबों के लिए सबसे सस्ता आलू भी उनकी पहुंच से दूर हो गया है।
सब्जियां कम आने से हुई महंगी सब्जी विक्रेताओ का कहना है कि कुछ दिनों पहले तक पर्याप्त सब्जियां आती रहीं। लोकल में भी किसान सब्जियां लेकर आते थे। इधर नदियों के किनारे की फसलें चौपट हो गई हैं। यही वजह है कि आवक कम है। इससे सब्जी महंगी है।
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देश की समस्याओं को तकनीक से दूर करेंगे युवा, पीएम मोदी ने जाना मॉडल दालों की बढ़ी मांग किराना दुकानदारों का कहना हैं कि सब्जी महंगी होने से दालों की मांग ठीक हो गई है। अरहर, मूंग, चना, मसूर की दालों के साथ लोग सोयाबीन बड़ी, मिथौरी आदि ले रहे हैं। दालें और बड़ी कई दिनों तक पकाई जा सकती है। कीमत भी बहुत अधिक नहीं है।
बीस दिनों में पांच से दस रुपये चढ़ा आलू आढ़ती बताते हैं कि बीस दिनों के अंदर आलू के दाम पांच से दस रुपये चढ़ गए हैं। थोक मंडी में खरीदने के बाद कुछ आलू खराब भी निकल जाता है, उसी हिसाब से फुटकर के दाम तय होते हैं।
टमाटर के साथ हरी सब्जियों ने पकड़ी तेजी इसे बाढ़ का असर कहें या फिर बाजार के चढ़ने का। जो टमाटर बीस दिन पहले 20 से तीस रुपये था, वह 35 से 40 रुपये पर पहुंच गया है। इसी तरह हरी सब्जियां भी उछाल मार रही हैं।
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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बोले, सीना ठोक कर कहिए आप सुरक्षित हैं सब्जियों के भाव प्रति किलोग्राम में बैंगन 35 40 कद्दू 25 30 परवल 50 60
भिंडी 25 30 पड़ोरा 100 120 लौकी 20 25 टमाटर 20 40