इस बंगले के लिए भाजपा की अभारी हूं मायावती ने कहा कि इस बंगले के लिए वे सबसे पहले भाजपा की आभारी हूं। उन्होंने कहा कि जब मैं मुख्यमंत्री थी और केन्द्र की तत्कालीन भाजपा सरकार हमें परेशान करने के लिए रोज रोज ईडी और सीबीआई की जांचें बैठा रही थी। इससे मेरे समर्थक घबरा गए। मेरे दलित समर्थकों को डर हुआ कि कहीं सरकार बहन मायावती का बंलगा भी न छीन ले, इसलिए उन्होंने हमें चंदा दिया और उस चंदे से हमने एक दिल्ली में और एक लखनऊ में यह छोटा बंगला बनवाया है।
कैसा है मायावती का नया बंगला मायावती के पुराने बंगले के सामने एक निजी जमीन पर उन्होंने यह बंगला बनवाया है। इस जमीन को मायावती ने 2007 में सरकार आने के बाद खरीदा था। करीब 20 हजार वर्ग फुट जमीन पर बने इस बंगले के भूतल में तीन बड़े हाल हैं। एक हाल मुख्य है जो गुम्बद के ठीक नीचे है। बंगले के भीतर दीवारों पर दलित महापुरुषों की बड़ी बड़ी तस्वीरें पत्थर से कुरेद कर बनाई गई हैं। इनसभागारों में एक ओर आफिस होगा और दूसरी ओर मायावती खुद रहेंगी। दूसरे तल पर अलग अलग कमरे बने हैं। हर कक्ष में हल्की पीली लाइट और चमक पैदा कर रही है।
बंगले के अंदर लगी है मायावती की मूर्ति
बंगले के अंदर घुसते ही सामने दूर तक संगमरमर के साथ साथ कत्थई और हल्के गुलाबी रंग के पत्थरों से सजा फर्श बंगले की सुंदरता को और ज्यादा सुशोभित कर रहा है। बंगले की दीवारों पर भी पत्थर लगे हैं। पीछे किनारे की ओर छोटा सी ग्रीनरी है। बंगले के मुख्य भवन के सामने दूर दीवार के पास सफेद रंग का मंदिर नुमा गुम्बद है। उसके नीचे पंच मुखी मायावती की मूर्ति लगी है।