scriptयूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने की कवायद में क्या सफल होंगे योगी आदित्यनाथ? | Will Yogi be successful in the exercise of improving the health system | Patrika News
लखनऊ

यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने की कवायद में क्या सफल होंगे योगी आदित्यनाथ?

स्वास्थ्य के मामले में 21 बड़े प्रदेशों में यूपी की हालत सबसे ज़्यादा खस्ता है और उसकी रैंकिंग 21वीं है। साफ़ ज़ाहिर होता है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का संकट अधिक गहरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार, किसी भी देश में एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर का होना अनिवार्य है। मगर यूपी में 3767 मरीजों पर मात्र एक डॉक्टर है।

लखनऊOct 26, 2021 / 04:55 pm

Vivek Srivastava

cm_yogi.jpg
लखनऊ. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिद्धार्थनगर से उत्तर प्रदेश में नौ मेडिकल कालेजों का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि, “जिस पूर्वांचल को पहले की सरकारों ने बीमारियों से जूझने के लिए छोड़ दिया था, वो ही अब पूर्वी भारत का मेडिकल हब बनेगा। जिस पूर्वांचल की छवि पिछली सरकारों ने खराब कर दी थी, वो ही पूर्वांचल पूर्वी भारत को सेहत का नया उजाला देने वाला है।” अगर सच में पूर्वांचल मेडिकल हब बन जाता है तो ये उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बेहद शुभ संकेत है।
आपको याद होगा कि कोरोना की दूसरी लहर के वक्त यूपी की स्वास्थ्य व्यवस्था पर टिप्पणी करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि सूबे की स्वास्थ्य व्यवस्था राम भरोसे चल रही है। इसमें तत्काल सुधार की आवश्यकता है। कोर्ट ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में चिकित्सा सुविधा बेहद नाजुक और कमजोर है। यह आम दिनों में भी जनता की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। महामारी के दौर में इसका चरमरा जाना स्वाभाविक है।
दरअसल हाईकोर्ट की ये टिप्पणी कई मायनों में अहम थी। स्वास्थ्य के मामले में 21 बड़े प्रदेशों में यूपी की हालत सबसे ज़्यादा खस्ता है और उसकी रैंकिंग 21वीं है। साफ़ ज़ाहिर होता है कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था का संकट अधिक गहरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक के अनुसार, किसी भी देश में एक हजार की आबादी पर एक डॉक्टर का होना अनिवार्य है। मगर यूपी में 3767 मरीजों पर मात्र एक डॉक्टर है।
हाँलाकि योगी सरकार ने भी अब प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की दिशा में बड़ा कदम उठा रही है। जहाँ प्रदेश सरकार हर जिले में एक अस्पताल खोलने की तैयारी में है वहीं यूपी के 16 पिछड़े जिलों में महानगरों जैसे कॉरपोरेट सुविधा वाले अस्पताल खोलने की तैयारी है। प्रदेश के 16 जिलों में खुलने वाले ये मेडिकल कॉलेज पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) के तहत खोले जाएँगे। पिछड़े शहरों में खुलने वाले ये मेडिकल कॉलेज वहाँ के लोगों को महानगरों में खुले कॉर्पोरेट अस्पताल जैसी सुविधाएं देंगे।
स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के लिए सरकार को पहले तो ये करना होगा कि उसके पास फिलहाल कम या ज्यादा जितने भी संसाधन हैं उनका बेहतर उपयोग करे। इसके अलावा ज़रूरी है कि सरकार, जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में खाली पदों को तुरंत भरे। मुख्य चिकित्सा अधिकारी जैसे पदों पर जल्दी-जल्दी तबादलों पर रोक लगानी चाहिए। इसके साथ ही स्थानीय स्तर पर ऐसे संस्थानों को विकसित करे जो वहां की बीमारियों और समस्याओं को समझकर उनसे प्रभावी तरीके से निपटने का मार्ग सुझा सके। उम्मीद है कि इन सारी कवायदों से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था में कुछ बेहतर हो सके।

Home / Lucknow / यूपी में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने की कवायद में क्या सफल होंगे योगी आदित्यनाथ?

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो