सीएम वेबपोर्टल लॉन्च किया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कॉन्क्लेव में सीएसआर पोर्टल भी लॉन्च किया। इस पर कंपनियों के सीएसआर योगदान और उनकी गतिविधियों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध रहेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएसआर फंड का अधिकतम उपयोग खुले में शौचमुक्त मिशन के लिए शौचालय बनाने, संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार व धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में करने का विचार बनाया है। प्रदेश में इस तरह का यह पहला कॉन्क्लेव होगा।जनसंख्या और उपभोक्ता बाजार के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। लेकिन, सीएसआर पर खर्च करने वाली कंपनियों में से महज छह फीसदी ही यहां अपने फंड का कुछ हिस्सा खर्च करती हैं। प्रदेश में यह हिस्सेदारी राष्ट्रीय स्तर पर कुल खर्च का तीन प्रतिशत बताई जा रही है।
पर्यटन और स्वच्छता के लिए निजी कंपनियों देंगी धन
स्वच्छ भारत अभियान संचालित करने, पर्यटन स्थलों और संस्कृत विद्यालयों का पुनर्निर्माण करने के लिए सरकार अब निजी कंपनियों से फंड जुटाएगी। निजी कंपनियों के सीएसआर फंड के बारे में प्रदेश सरकार चाहती है कि उसका सुनियोजित तरीके से इस्तेमाल हो। इससे प्रदेश के विकास में तेजी आएगी।
इस बारे में सरकारी अधिकारियों का कहना है कि कॉन्क्लेव में शामिल होने वाले उद्यमियों की सलाह और विचार के बाद ही कोई रूपरेखा बनेगी, लेकिन पर्यटन क्षेत्र में सीएसआर फंड के साथ ही निवेश का माहौल बन सकता है। उद्यमी संगठनों ने भी इस दिशा में सकारात्मक रुख दिखाया है। आईटी कंपनी के संचालक संदीप सक्सेना ने कहा कि यह सरकार का अच्छा प्रयास है और बेहतर होगा कि सीएसआर फंड को मुख्यमंत्री की देखरेख में ही इस्तेमाल किया जाए।