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लखनऊ

योगी सरकार ने इन अधिकारियों को बनाया चपरासी और चौकीदार, जानिये क्यों की ये कार्रवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में की गई कार्रवाई

लखनऊJan 10, 2021 / 11:01 am

रफतउद्दीन फरीद

Yogi Adityanath Arogya Mela

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पत्रिका उत्तर प्रदेश

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) के आदेश पर सूबे के चार अधकारियों (Action Against Officers) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। दो को सीधे अधिकारी से चौकीदार और चपरासी (Officers Demote on Peon Post in UP) के पद पर भेज दिया गया है, जबकि दो को और दूसरे छोटे पदों पर वापस कर दिया गया है। आरोप है कि इन अधिकारियों को नियम विरुद्घ पदोन्नति दी गई, जिसके बाद ये प्रमोट होकर अधिकारी बन गए।

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जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है उनमें बरेली (Barielly), फिरोजाबाद (Firozabad), मथुरा (Mathura) और भदोही (Bhadohi) के जिला सूचना अधिकारी शामिल (District Information Officer) हैं। क्षेत्रीय प्रचार संगठन (Regional publicity organization) के तहत जिला सूचना कार्यालयों (District Information Office) के इन कर्मचारियों को तीन नवंबर 2014 को नियमों को ताक पर रखकर प्रमोशन (Promotion) दिया गया। जिसके बाद ये प्रमोट होकर जिला सूचना अधिकारी के पद तक पहुंच गए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ने कोर्ट के आदेश अनुपालन में चारों के खिलाफ कार्रवाई की है।

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निदेशक सूचना शिशिर श्रीवास्तव की ओर से जारी किये गए आदेशा के मुताबिक बरेली के अपर जिला सूचना आयुक्त नरसिंह को चपरासी के पद पर भेज दिया गया है, जबकि फिरोजाबाद के अपर जिला सूचना अधिकारी दयाशंकर को पदावनत कर चौकीदार के पद पर भेजा गया है। इसी तरह जिला सूचना अधिकरी मथुरा विनोद कुमार शर्मा और अपर जिला सूचना अधिकारी भदोही अनिल कुमार सिंह को डिमोट कर सिनेमा ऑपरेटर कम प्रचार सहायक के पद पर वापस भेज दिया गया है। कार्रवाई की जद में आए चारों कर्मचारियों को अपने मूल पद पर कार्यभार ग्रहण कर बिना देर किये रिपोर्ट मुख्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।

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बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भ्रष्टाचार (Corruption) नियमों की अवहेलना, लापरवाही और मनमानी को लेकर सरकार बनते ही अधिकारियों और कर्मचारियों को चेताया था। चेतावनी के बाद तीन साल के कार्यकाल में सरकार में 2100 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों को जेल भेजा है। एक अप्रैल 2017 से अब तक शासन के नियुक्ति विभाग ने 50 पीसीएस अधिकारियों के खिलाफ सीरियस एक्शन लिया है तो 44 अन्य के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। दा साल में 480 पुलिस कर्मी भी कार्रवाई की जद में आ चुके हैं।

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