चार साल में 2,076 नई दुकानों को लाइसेंस उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग के अनुसार, प्रदेश सरकार ने अपने पहले शासन के चार साल के दौरान वित्त वर्ष 2017-18 से 2020-21 के बीच शराब की 2,076 नई दुकानों को लाइसेंस देने का निर्णय किया था। ये लाइसेंस चार अलग-अलग तरह की खुदरा दुकानों के लिए दी गई थी। देसी शराब, विदेशी शराब, बीयर शॉप और मॉडल शॉप के लिए ये लाइसेंस दिए गए थे।
अखिलेश सरकार में हुआ था 24,943 करोड़ रुपये का राजस्व इसके पहले की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार के पांच साल की अवधि के दौरान प्रदेश में शराब की 2,566 नई दुकानों को लाइसेंस मिला था। इस दौरान राज्य सरकार का राजस्व 22,377 करोड़ रुपये से बढ़कर 24,943 करोड़ रुपये हो गया था। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती की सरकार में 3,621 नई शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया गया था। इस दौरान राज्य सरकार का राजस्व 106 फीसदी बढ़ गया था। राज्य सरकार का राजस्व 3,948 करोड़ से बढ़कर 8,133 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था।