scriptमधुबनी पेटिंग्स के लिए वरदान साबित हो रहा है कोरोना | Corona proving to be a boon for Madhubani paintings | Patrika News
मधुबनी

मधुबनी पेटिंग्स के लिए वरदान साबित हो रहा है कोरोना

(Bihar News ) कोरोना काल (Corona ) मधुबनी पेटिंग्स (Madhubani Paintings ) के लिए नया मुकाम लेकर आया है। इस पेटिंग्स के जरिए कलाकार न सिर्फ कोरोना से मुकाबला करने का संदेश दे रहे हैं, बल्कि अब यह कलाकारी उनको रोजगार के नए अवसर मुहैया कराए जाने के साथ ही इस शैली की पहुंच आम लोगों तक हो रही है। कलाकार अब इसे घर-घर तक पहुंचाने में लगे हैं।

मधुबनीJul 10, 2020 / 06:58 pm

Yogendra Yogi

मधुबनी पेटिंग्स के लिए वरदान साबित हो रहा है कोरोना

मधुबनी पेटिंग्स के लिए वरदान साबित हो रहा है कोरोना

मधुबनी(बिहार): (Bihar News ) कोरोना काल (Corona ) मधुबनी पेटिंग्स (Madhubani Paintings ) के लिए नया मुकाम लेकर आया है। इस पेटिंग्स के जरिए कलाकार न सिर्फ कोरोना से मुकाबला करने का संदेश दे रहे हैं, बल्कि अब यह कलाकारी उनको रोजगार के नए अवसर मुहैया कराए जाने के साथ ही इस शैली की पहुंच आम लोगों तक हो रही है। ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ नामचीन कलाकार ही इस शैली से बनी पेटिंग्स के जरिए इसे ऊचाईयों पर पहुंचा रहे हैं, इसकी जानकारी रखने वाले अन्य कलाकार भी अब इसे घर-घर तक पहुंचाने में लगे हैं।

पेटिंग्स की पहुंच आम लोगों तक
ऐसे ही एक चित्रकार दंपत्ति इस कलाकारी को आम लोगों तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं। मधुबनी मुख्यालय से सटे जगतपुर टुन्नी मिश्र टोल की कलाकार उषा मिश्र और उनके पति रेमंत मिश्र ने कोरोना काल में मास्क पर मिथिला पेंटिंग को इस बारीकी से उकेरा और नयी दिशा दे रहे हैं। इससे न सिर्फ कोरोना का बचाव हो रहा है, बल्कि मधुबनी शैली की पेटिंग्स की जानकारी भी सब तक पहुंच रही है। इस शैली की पेटिंग्स से अन्य कलाकारों को भी अपने कला उकेरने के साथ ही रोजगार का मौका मिल रहा है।

कलाकारों को मिल रहा रोजगार
जगतपुर टुन्नी मिश्र टोली के दंपती ने गांव की आठ-दस लड़कियों को भी मास्क बनाने के इस अभियान में जोड़ लिया है। इससे इन लोगों को कोरोना काल में बिना कहीं गये एक नया रोजगार मिल गया है। उषा के बनाये ये पेंटिंग मास्क दो लेयर, तीन लेयर और सिंगल लेयर के हैं। मिथिला पेंटिंग में उन्होंने प्रकृति से जुड़े चित्र को प्राथमिकता दी है. अधिकतर मास्क पर पेड़-पौधे, फूल-पत्ती, पक्षी, जीव आदि के चित्र उकेरे गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान को आगे बढ़ाने में जुटे इस दंपती ने मास्क में प्रयुक्त होनेवाले कपड़े में खादी का कपड़ा चुना है। उषा की बनायी मिथिला पेंटिंग की मास्क कई प्रकार के हैं।

मधुबनी शैली की मांग
मिश्र दंपत्ति की तरह ही शहर के लहेरियागंज निवासी लक्ष्मी पांडेय का पूरा परिवार इस काम में तन्मयता से जुटा है। मास्क की मांग देखते हुए वे घर पर एक दर्जी से मानक के अनुरूप दो लेयर में मास्क तैयार करा उस पर मधुबनी पेंटिंग बनाती हैं। बीते 10 दिनों में तीन सौ से अधिक लोगों को मास्क उपलब्ध करा चुकी हैं। फिलहाल पांच सौ से अधिक मास्क के आर्डर को पूरा करने में जुटी हैं।

कैनवास पर कोरोना
पंडौल प्रखंड के दहिवत माधोपुर पश्चिम पंचायत निवासी प्रसून कुमार कर्ण ने भी अपनी कुची और रंगों के जरिए कोरोनावायरस की भयावहता और उससे बचने के उपायों की जानकारी बहुत ही सरल तरीके से आम लोगों तक पहुंचाई है। प्रसून कुमार ने कोरोना के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के मकसद से मधुबनी पेंटिंग की एक श्रृंखला तैयार की है। जिसमें कोरोना के फैलने के कारणों के साथ ही इस ग्लोबल महामारी से बचने के तौर-तरीकों एवं सुझावों को बाखूबी कैनवास पर उतारा गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो