सुबह 11 बजे के बाद नगर सहित क्षेत्र के प्रमुख मार्ग व गलियों में गर्मी (Heat) की वजह से लोगों की चहल-पहल कम देखने को मिलती है। लोग केवल जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकल रहे हैं। वहीं, अधिकतर लोग तेज गर्मी और लू (lLoo) से बचने के लिए शीतल पेय का सहारा ले रहे हैं। भीषण गर्मी (Scorching heat) के कारण दिन-रात कूलर व एसी चल रहे हैं। इसके बावजूद गर्मी से राहत नहीं मिल रही है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लो-वोल्टेज और बिजली कटौती के कारण कूलर और पंखे भी साथ नहीं दे पा रहे हैं।
तेज गर्मी के चलते विभिन्न बीमारियों से अनेक लोग प्रभावित होने लगे हैं। लोगों में खांसी, बुखार व शरीर सुस्त होने की शिकायत बढ़ रही है। तेज गर्मी का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर दिखाई दे रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। उमस भरी गर्मी व दोपहर में तेज धूप के कारण लोग अपनी जरूरी काम सुबह तथा शाम को ही निपटा रहे हैं। बाजार में भी दोपहर के अपेक्षा सुबह तथा शाम को ही ग्राहक खरीदारी करने पहुंच रहे हैं।
सार्वजनिक प्याऊ नहीं होने से राहगीर भटक रहे
शहर में लोगों को पानी पिलाने के लिए पहले प्याऊ घर बनाए जाते थे, लेकिन इस वर्ष मई महीने का प्रथम सप्ताह बीत गया है। शहर के चौक-चौराहों पर राहगीरों के लिए एक भी प्याऊ घर भी नहीं है। वहीं जिला मुख्यालय के बस स्टैंड में भी नगर पालिका ने प्याऊघर नहीं बनाया है। बस स्टैंड में यात्री ठंडे पानी के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
वहीं तेज गर्मी (Scorching heat) को देखते हुए चिकित्सकों द्वारा लोगों को पर्याप्त पानी पीने की सलाह दी जा रही है। चिकित्सकों का कहना है कि वातावरण ऊष्णता के कारण शरीर का पानी सूखने लगता है। अधिक पानी पीने से शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है। धूप में निकलते समय टोपी, चश्मा, गमछा का उपयोग करना चाहिए। बासी भोजन से भी बचने की सलाह दी गई है।