पानी के लिए होती है मारपीट महोबा की जमीनीं हकीकत यह है कि मई माह से ही पेयजल किल्लत खड़ी हो गई। जिला मुख्यालय में भी पेयजल समस्या बढ़ती जा रही है। ज्यादातर इंडिया मार्का के हैंडपंप ख़राब पड़े हैं। वहीं तालाबों में भी पानी का स्तर गिरता जा रहा है। जैतपुर और कबरई विकासखंड के अधिकतर गांवों में हालात सबसे ज्यादा ख़राब है। कबरई कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मची रहती है। यहां तक कि पानी के लिए लोगों में मारपीट तक की नौबत आ जाती है। यहीं नहीं कई बार तो टैंकर रोककर बीच में ही पानी लूट लिया जाता है।
कबरई क्षेत्र में आलम ये है कि टैंकर आते ही लोग पानी लेने के लिए जान लगा देते हैं। कभी-कभी पानी भरने को लेकर पक्षों में मारपीट भी हो जाती है। ऐसे में टैंकरों के साथ सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस भी लगानी पड़ती है। पीने के पानी की दिक्कत इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी झेलनी पड़ रही है। पोखरों में पानी न होने से जानवर भटकते रहते हैं।
पेयजल व्यवस्था के लिए डीएम ने उठाया ये कदम सिंचाई और पेयजल समस्या समाधान के लिए बीजेपी सरकार ने अर्जुन सहायक परियोजना शुरू किया। मगर फिर भी पानी की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही। पेयजल समस्या को लेकर डीएम सहदेव ने ग्रामीण क्षेत्रों में टंकी, समरसेविल और पाइपों के माध्यम से पेयजल व्यवस्था कराने की बात कही है।