सोमवार की रात करीब दस बजे भारतीय सेना के गोरखा रेजिमेंट के करीब बीस जवान नेपाल से अपने घरों से छुट्टी काट कर भारत में अपने ड्यूटी पर जाने के लिए सोनौली बार्डर पर पहुंचकर जैसे ही भारत में प्रवेश किए तो एसएसबी जवानों ने उन्हें जांच कराने के लिए रोका लिया। इसके बाद नेपाल से सादी वर्दी में आए जवानों ने अपने को गोरखा रेजिमेंट का जवान होना बताया और अपना परिचय पत्र भी दिखाया। जबकि कुछ जवानों ने जांच कराने और परिचय पत्र दिखाने से मना कर दिया। जिसपर जांच कर रहे एसएसबी के जवानों से कहासुनी और नोक झोक शुरू हो गई। देखते ही देखते मामला मारपीट तक पहुंच गया।
जानकारी के मुताबिक करन बहादुर नामक गोरखा रेजीमेंट का एक जवान चोटिल हो गया। बार्डर पर मारपीट से दोनों देशों के बीच आवागमन ठप हो गया और सरहद पर हड़कंप मच गया। गोरखा रेजिमेंट के कुछ जवान भागकर नेपाली सीमा में स्थित पुलिस चौकी में पहुंचकर घटना की जानकारी बेलहिया इंस्पेक्टर को दी। जिस पर प्रभारी निरीक्षक वीर बहादुर थापा मौके पर पहुंचकर एसएसबी के जवानों से वार्ता कर मामला सुलझाया। तब कहीं जाकर बार्डर पर स्थिति सामान्य हुई।
इस संबंध में इंस्पेक्टर बेलहिया वीर बहादुर थापा का कहना है कि एसएसबी के जवानों और गोरखा रेजीमेंट के जवानों के बीच मारपीट हुई थी, किंतु काफी प्रयास के बाद जवानों को समझा-बुझाकर भारत भेज दिया गया।