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मैनपुरी

मुलायम सिंह को हराने के लिए भाजपा ने इस बड़े नेता को दी जिम्मेदारी

साइकिल ने हर बार रौंदा है कमल, भाजपा लेगी मुलायम सिंह के सामने डिप्टी सीएम की सबसे बड़ी परीक्षा ,मैनपुरी संसदीय सीट की जिम्मेदारी यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को सौंपी गई है, पिछले चुनावों में ऐसा हुआ है भाजपा का हाल

मैनपुरीNov 01, 2018 / 05:50 pm

अभिषेक सक्सेना

2019 loksabha election

Mulayam

आगरा। मैनपुरी में मुलायम को मात देना भाजपा के लिए भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ी चुनौती है। मुलायम सिंह यादव इस सीट पर चार बार सांसद रह चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी इस सीट पर कभी भी कमल नहीं खिला सकी है। इस बार कमल खिलाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को इस संसदीय सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जबकि माना जा रहा है कि इस सीट पर खुद मुलायम सिंह यादव 2019 लोकसभा चुनाव में मैदान पर होंगे। मुलायम सिंह यादव ने 2014 के चुनाव में 5,95,918 वोट से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी को परास्त किया था। अब भाजपा खेमे में इस सीट को शामिल करने के लिए केशव प्रसाद मौर्या को इस संसदीय सीट से खेवनहार बनाया गया है।
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शाक्य मतदाताओं की अच्छी संख्या
मैनपुरी संसदीय सीट पर क्षत्रिय और शाक्य मतदाताओं की अच्छी संख्या है। राजनीति के जानकारों का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की इस चुनाव में जिस सीट पर नजर है वो ब्रज की सबसे बड़ी सीट मैनपुरी लोकसभा है। मुलायम सिंह यादव ने पिछले चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी शत्रुघ्न सिंह चौहान को हराया था। भाजपा को सिर्फ 2,31,252 वोट मिले थे, जबकि मुलायम सिंह ने 5,95,918 वोट हासिल किए। जब मुलायम सिंह ने ये सीट छोड़ी तो उनके पौत्र तेजप्रताप सिंह को इस सीट पर लड़ाया गया। तेजप्रताप यादव ने रिकॉर्ड जीत हासिल की। तेज प्रताप सिंह ने इस चुनाव में 6,53,786 वोट हासिल किए थे और भाजपा के प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य को 3,21,249 वोट से हराया था। शाक्य मतदाताओं की संख्या को देखते हुए भाजपा ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या को यहां की जिम्मेदारी सौंपी है। वहीं संगठन की ओर से संतोष सिंह को इस संसदीय क्षेत्र में भेजा है।
ये रहे हैं पिछले चुनाव के परिणाम
मैनपुरी में कमल नहीं खिला है। समाजवादी पार्टी की साइकिल ने सभी को रौंद दिया है। 1996 से अब तक मैनपुरी में साइकिल ने ही रेस जीती है। 1996 में मुलायम सिंह ने भाजपा के उपदेश सिंह चौहान को हराया था। वहीं 2004 में बहुजन समाज पार्टी के अशोक शाक्य दूसरे स्थान पर रहे और मुलायम सिंह ने फिर से बाजी मारी। मुलायम सिंह ने ये सीट छोड़ दी तब भतीजे धर्मेंद्र यादव चुनाव मैदान में आए और जीत हासिल हुई। 2009 में फिर से मुलायम सिंह ने इस सीट पर चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की। मुलायम सिंह के आगे भाजपा को बड़ी हार मिली थी और तृप्ति शाक्य तीसरे स्थान पर रहीं थी। बसपा ने यहां दूसरा स्थान हासिल किया था। 2014 में मोदी लहर भी मुलायम सिंह के विजयी रथ को रोक नहीं सकी और मुलायम सिंह ने सभी को धूल चटाकर मैदान में विजयीश्री की पटकथा लिखी। हालांकि उन्होंने इस सीट को छोड़ दिया। लेकिन उनके पौत्र तेज प्रताप यादव ने नया इतिहास लिख डाला और मैनपुरी में सपा की सबसे बड़ी जीत हासिल की। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की इस संसदीय सीट पर सबसे बड़ी परीक्षा होगी।

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