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मैनेजमेंट मंत्र

एंप्लॉइज के सामने नए चैलेंज रखकर निखारें उनकी प्रतिभा

वर्कप्लेस पर एंप्लॉइज के सामने नए-नए चैलेंज रखकर आप प्रोडक्टिविटी तो सुधारते ही हैं, साथ उनकी क्षमता भी बढ़ाते हैं।

Dec 18, 2015 / 12:01 am

विकास गुप्ता

accept the challenge

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जयपुर। ऑफिस में आपने अलग-अलग क्षमता वाले एंप्लॉइज नियुक्त किए होंगे। इनमें कुछ लोग काम को जल्दी कर लेते होंगे तो कुछ को इसी काम में ज्यादा समय लग जाता होगा। सबकी क्षमताएं एक सी नहीं है लेकिन क्षमताओं के विभिन्न स्वरूपों को निखारने के लिए आप सहयोग जरूर दे सकते हैं। आपको इनके सामने चुनौतियां पेश करनी होंगी, ताकि इनकी अपनी क्षमताओं में कई तरह से निखार आ सकें। एंप्लॉइज के सामने चुनौतियां पेश करने का एक लाभ यह भी होता है कि इनमें आपस में कंपीटिशन की भावना बढ़ती है और ये ज्यादा से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करते हैं।

बढ़ाएं स्पीड
आप जानते हैं कि किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने में टीम दस दिन लेती है। आप उन्हें इसी काम को आठ दिन में पूरा करने का टारगेट दे सकते हैं। ऐसा कर पाने वाली टीम को पुरस्कृत किया जा सकता है। इससे टीम के अंदर उत्साह का संचार होगा और काम भी समय पर पूरा होगा। हालांकि विस्तृत समय सीमा वही रखें।

बढ़ाएं दायरा: किसी एक फील्ड विशेष का काम देखने वाली किसी टीम की जिम्मेदारियों में वैरायटी लाकर आप उनकी क्षमताओं का दायरा बढ़ा सकते हैं। जैसे टाइपिंग करने वाले को ही प्रूफ रीडिंग का काम सौंप दिया जाए।

बढ़ाएं इनोवेशन: आज के दौर में किसी की प्रतिभा का मूल अभिप्राय उसकी इनोवेटिव सोच और अप्रोच से लगाया जाता है। आप किसी काम को बेहतर ढंग से अंजाम देने के लिए इनोवेटिव आइडिया लाने का कंपीटिशन करवा सकते हैं। इससे आपको और एम्प्लॉई दोनों को ही लाभ होगा।

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