नए साल में ऐसे करें फॉरेन ट्रिप प्लान, कम पैसे में मिलेगा ज्यादा फायदा नासा को मिल गए भगवान के फिंगर प्रिंट, इसकी साइज जानकर बेहोश हो जाएंगे आप क्या है वाइट पेपर
कंटेंट मार्केटिंग के फील्ड में वाइट पेपर एक ट्रेंडिंग कॉन्सेप्ट है। दरअसल वाइट पेपर कॉन्सेप्ट में यूजर या कस्टमर को सलेक्ट करके कंपनियां अपनी सर्विस या प्रोडक्ट की डिटेल उसे उपलब्ध कराती है। वाइट पेपर कोई सामान्य ई-मेल या नोटिफिकेशन नहीं होता है अपितु यह क्रिएटिव इंफोर्मेशन होती है जो कि टारगेट कस्टमर के लिए होती है। हालांकि वाइट पेपर को लिखने के लिए कंटेंट मार्केटर को अधिक फोकस करना होता है, जिससे कि वह टारगेट कस्टमर के साथ इंटरेक्शन कर सके और कस्टमर उनके प्रोडक्ट में इंटरेस्ट दिखाए।
कंटेंट मार्केटिंग के फील्ड में वाइट पेपर एक ट्रेंडिंग कॉन्सेप्ट है। दरअसल वाइट पेपर कॉन्सेप्ट में यूजर या कस्टमर को सलेक्ट करके कंपनियां अपनी सर्विस या प्रोडक्ट की डिटेल उसे उपलब्ध कराती है। वाइट पेपर कोई सामान्य ई-मेल या नोटिफिकेशन नहीं होता है अपितु यह क्रिएटिव इंफोर्मेशन होती है जो कि टारगेट कस्टमर के लिए होती है। हालांकि वाइट पेपर को लिखने के लिए कंटेंट मार्केटर को अधिक फोकस करना होता है, जिससे कि वह टारगेट कस्टमर के साथ इंटरेक्शन कर सके और कस्टमर उनके प्रोडक्ट में इंटरेस्ट दिखाए।
इंफोर्मेशन का सलेक्शन बड़ा टास्क
वाइट पेपर में किस प्रकार की इंफोर्मेशन दी जाए जिससे कि कस्टमर कंटेंट मार्केटर के साथ इंटरेक्शन या बात के लिए तैयार हो यह बड़ी चुनौती है। इसका सॉल्यूशन है ब्रीफ इंफोर्मेशन। कंटेंट मार्केटर को चाहिए कि वह वाइट पेपर शेयर करते समय शब्दों की संख्या कम रखे और आदरसूचक शब्दों का इस्तेमाल ना करें। इसके अतिरिक्त प्रोडक्ट या सर्विस को लेकर सामान्य बातों का जिक्र वाइट पेपर में नहीं किया जाना चाहिए। अन्यथा यह बोरियत का कारण बन सकता है और इस कॉन्सेप्ट का मीन खत्म हो सकता है। मार्केटिंग के शब्दों के इस्तेमाल से भी कंटेंट मार्केटर को बचना चाहिए। अन्यथा वाइट पेपर में बोरियत हो सकती है और यूजर इसे इग्नोर कर सकता है।
वाइट पेपर में किस प्रकार की इंफोर्मेशन दी जाए जिससे कि कस्टमर कंटेंट मार्केटर के साथ इंटरेक्शन या बात के लिए तैयार हो यह बड़ी चुनौती है। इसका सॉल्यूशन है ब्रीफ इंफोर्मेशन। कंटेंट मार्केटर को चाहिए कि वह वाइट पेपर शेयर करते समय शब्दों की संख्या कम रखे और आदरसूचक शब्दों का इस्तेमाल ना करें। इसके अतिरिक्त प्रोडक्ट या सर्विस को लेकर सामान्य बातों का जिक्र वाइट पेपर में नहीं किया जाना चाहिए। अन्यथा यह बोरियत का कारण बन सकता है और इस कॉन्सेप्ट का मीन खत्म हो सकता है। मार्केटिंग के शब्दों के इस्तेमाल से भी कंटेंट मार्केटर को बचना चाहिए। अन्यथा वाइट पेपर में बोरियत हो सकती है और यूजर इसे इग्नोर कर सकता है।
फॉर्मेट का इस्तेमाल ना करें
किसी भी सैंपल फॉर्मेट का इस्तेमाल वाइट पेपर में ना करें। वाइट पेपर को बनाते समय हमेशा एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। इसमें वीडियो या पोडाकास्ट का भी उपयोग नहीं होना चाहिए। कस्टमर आपसे अपनी जानकारी शेयर करें इसके लिए वाइट पेपर में केवल प्रोडक्ट या कंपनी रिलेटेड प्रोफेशनल इंफोर्मेशन का होना जरूरी है। अधिक क्रिएटिव और बोझिल शब्दों के इस्तेमाल से बचने के लिए नए और सामान्य शब्दों के लिए रिसर्च करे। ऐसे शब्दों को काम में लें जो सहज और आसानी से समझ में आ जाएं। कंटेंट मार्केटिंग फील्ड में चूंकि वाइट पेपर का ट्रेंड नया है इसलिए आपको इस फॉर्मेट के लिए अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है।
किसी भी सैंपल फॉर्मेट का इस्तेमाल वाइट पेपर में ना करें। वाइट पेपर को बनाते समय हमेशा एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। इसमें वीडियो या पोडाकास्ट का भी उपयोग नहीं होना चाहिए। कस्टमर आपसे अपनी जानकारी शेयर करें इसके लिए वाइट पेपर में केवल प्रोडक्ट या कंपनी रिलेटेड प्रोफेशनल इंफोर्मेशन का होना जरूरी है। अधिक क्रिएटिव और बोझिल शब्दों के इस्तेमाल से बचने के लिए नए और सामान्य शब्दों के लिए रिसर्च करे। ऐसे शब्दों को काम में लें जो सहज और आसानी से समझ में आ जाएं। कंटेंट मार्केटिंग फील्ड में चूंकि वाइट पेपर का ट्रेंड नया है इसलिए आपको इस फॉर्मेट के लिए अधिक मेहनत की आवश्यकता होती है।