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मंडला

त्यौहार में बढ़ी मिलावटखोरी, लिए 290 सेम्पल, 45 पर जुर्माना

मिलावटी खाद्य पदार्थ की रोकथाम के लिए विभाग हुआ सख्त

मंडलाOct 28, 2021 / 09:13 am

Mangal Singh Thakur

त्यौहार में बढ़ी मिलावटखोरी, लिए 290 सेम्पल, 45 पर जुर्माना

त्यौहार में बढ़ी मिलावटखोरी, लिए 290 सेम्पल, 45 पर जुर्माना

त्यौहार में बढ़ी मिलावटखोरी, लिए 290 सेम्पल, 45 पर जुर्माना
मंडला। जिले में मिलावटी सामनों का कारोबार धड़़ल्ले से चल रहा है। मिलावट के बाजार के आगे व्यवस्था लाचार है। सिथेंटिक मिठाई से लेकर खाद्य पदार्थ के अपमिश्रण का खेल जारी है। आने वाले तीज त्यौहार समेत दीपावली पर यह कारोबार और बढ़ जाएगा है। बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थों की भरमार है। मिलावटी खाद्य पदार्थों की रोकथाम के लिए बना सिस्टम इसे रोकने में अक्षम साबित हो रहा है। रोकथाम के लिए बना कानून भी बेअसर हैं। मिलावटी सामानों के कारोबारी पकड़े भी जाते हैं तो कार्रवाई की जगह वहां भी मिलावट का जादू चल जाता है। लिहाजा लोगों के पैसे तो खर्च होते ही हैं उनका स्वास्थ्य भी खराब होता है। वैसे तो आम दिनों में भी लोग खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण के शिकार होते हैं लेकिन पर्व त्योहार पर यह कारोबार और बढ़ जाता है।
जानकारी अनुसार बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थों की भरमार है। मिलावटी खाद्य पदार्थों की रोकथाम के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग है लेकिन सैंपल लेने और जुर्माना लगाने के बाद भी मिलावट पर अंकुश नहीं है। दीवाली पर्व नजदीक है जिसमें यह कारोबार आम दिनों से और अधिक बढ़ जाता है। जिससे लोगों के पैसे तो खर्च होते ही हैं उनका स्वास्थ्य भी खराब होता है। लोग खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण के शिकार हो रहे है। विभाग द्वारा मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत करीब 290 सेम्पल लिए गए। जिसमें लगभग 45 चालानी कार्रवाई की गई है।
बताया गया है कि खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए सारे प्रयास नाकाफी है। कड़े कानून के बाद भी मिलावटी खोरी का यह धंधा अर्थिक लाभ के लिए अपने चरम पर है। सामान्य तौर पर एक परिवार अपनी आय का तकरीबन आधा हिस्सा खाद्य पदार्थों पर खर्च करता है। बाजार में मिलने वाले कई तरह की मिठाई, मेवा, सरसों तेल डालडा, घी, बेसन, आटा, मिर्च, दूध व दूध से बने पदार्थ आदि में मिलावट रहता है। मिलावट खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता काफी कम हो जाती है इसमें सस्ते पदार्थ जैसे रंग इत्यादि मिला दिये जाते हैं। इन्हें मिलाने से उत्पाद तो आकर्षक दिखने लगता है लेकिन उनकी पोषकता प्रभावित होती है जो स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं।
खाद्य पदार्थ में इस तरह मिलावट की जाती है कि मूल खाद्य पदार्थ और मिलावट वाले खाद्य पदार्थ में भेद करना काफी मुश्किल हो जाता है। मिलावट युक्त आहार का उपयोग करने से शरीर में विकार उत्पन्न होने की सम्भावना बढ़ जाती है। जिसे रोकने के लिए लगातार कार्रवाई जारी है लेकिन हर साल मिलावट के प्रकरण सामने आ रहे है। दीवाली पर्व नजदीक है इसको लेकर खाद्य एवं औषधि विभाग के द्वारा सैंपल की कार्रवाई बढ़ा दी है।

अभी तक 45 प्रकरण पर चालानी कार्रवाई :
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2021 में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा संपूर्ण मंडला जिले में मिलावट से मुक्ति अभियान के अंतर्गत करीब 290 खाद्य पदार्थो के नमूने जांच के लिए एकत्र किए गए है। जिनकी जांच के लिए भोपाल प्रयोगशाला भेजा गया है। जांच के दौरान करीब 45 प्रकरणों पर चालानी कार्रवाई की गई। इसके पहले 1 जनवरी से दिसंबर 2020 तक संपूर्ण मंडला जिले से 236 नमूने जांच के लिए गए थे जिनमें से जांच के दौरान 36 नमूनों में मिलावट पाई गई। वर्ष 2020 में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के द्वारा सक्षम न्यायालय में 39 प्रकरण दायर किए गए थे। वर्ष 2021 में अभी तक करीब 45 प्रकरणों में चालानी कार्रवाई की गई है।
खाद्य अपमिश्रण से हो सकती है बीमारी :
बताया गया है कि खाद्य पदार्थ में कोई बाहरी तत्व मिला दिया जाए या उसमें से कोई अभिन्न तत्व निकाल लिया जाए उसे अनुचित ढंग से संग्रहीत किया जाए या दूषित स्त्रोत से प्राप्त किया जाये और उसकी गुणवत्ता में कमी आ गई हो तो उस खाद्य सामग्री को मिलावट युक्त कहा जाता है। खाद्य में मिलावट से अंधापन, लकवा, लीवर में गड़बड़ी या ट्यूमर जैसी खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं। मसाले में मिट्टी लकड़ी का बुरादा मिला दिया जाता है, चने व अरहर की दाल में लकोड़ी दाल, सरसों के तेल में आर्जिमोन तेल, ऐपिडेमिक ड्रॉपसी, बेसन व हल्दी में पीला रंग मैटानिल, लाल मिर्च में रोडामाइन मिलाया जाता है। मिठाई वर्क में एल्यूमिनियम, दूध में पानी, एक तरह का पाउडर मिलाया जाता है।
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