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मंडला

किसानों को मिल रहे महंगे दामों में बीज, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे उभरी

सहकारी समितियों से हो रहा बीज वितरण

मंडलाJun 26, 2019 / 11:26 am

amaresh singh

Farmers get expensive seeds

किसानों को मिल रहे महंगे दामों में बीज, किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे उभरी

मंडला। खरीफ फसल के लिए सरकारी बीज के भाव तय हो गए हैं। एक बार फिर बीज के दाम में उछाल आया है। कृषि विभाग ने पिछले साल की तुलना में इस साल भी बीज की कीमतों में 150 रुपए से 2650 रुपए क्विंटल तक की बढ़ोत्तरी की है। जिससे किसानों की जेब पर असर पड़ेगा। उन्हें महंगे दामों पर बीज खरीदकर बोवनी करनी होगी। पिछले साल की तुलना में सोयाबीन के भाव में 150 रुपए बढ़े हैं। 5800 रुपए प्रति क्विंटल सोयाबीन के भाव निर्धारित किए हैं। तिल में 2650, मूंग में 1700, ज्वार में 1070, मक्का में 250 रुपए तक की वृद्धि हुई है। मप्र शासन बीज नीति वितरण के तहत बीज निगम तथा सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से अनुदान पर किसानों को बीज का वितरण किया जा रहा है।


बीज के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है
बीज के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले तीन साल में सोयाबीन के भाव 700 रुपए तक बढ़े हैं। वर्ष 2017 में सोयाबीन बीज के भाव 5100 रुपए क्विंटल निर्धारित किए गए थे। 2018 में 5650 रुपए और 2019 में 5800 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किए हैं। बीज निगम के प्रस्ताव पर बीज के प्रस्ताव तय किए गए हैं, लेकिन किसानों को मिलने वाले अनुदान में किसी प्रकार की वृद्धि नहीं की गई। किसानों को सूरज धारा, अन्नपूर्णा, राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय तिलहन सहित अन्य योजना के माध्यम से अनुदान पर बीज वितरण किया जाएगा। कृषि विभाग ने वर्ष 2019 में जिले में 1441 क्विंटल बीज वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि विभाग के उपसंचालक एसएस मरावी का कहना है कि बीज के दाम तय हो गए। सभी फसलों में अलग-अलग दर से रुपए बढ़ें हैं। बीज के दाम भोपाल से बीज निगम व कृषि विभाग के अधिकारी मिलकर तय करते हैं। वितरण के लिए बीज पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वर्तमान समय में किसानों को बीज वितरण किए जा रहे है।

मानसून की देरी से किसान चिंतित है

मानसून की देरी से किसान चिंतित है। बुवाई में देरी होने से फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पडऩे का अंदेशा है। जून माह में बारिश का सिलसिला शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार प्री-मानसूनी बारिश भी नहीं हुई है। कुछ दिनों पहले दो-तीन दिन हल्की बारिश तो हुई, लेकिन यह बुवाई के लिए पर्याप्त नहीं रही। उधर केरल में मानसून कमजोर पडऩे से किसान चिंतित है। मौसम विभाग के अनुसार मानसून में देरी हो रही है। क्षेत्र के सेमरखापा, बिनैका, जयंतीपुर, पौड़ी, रसैया दोना, बकछेरा दोना, लिंगा पौड़ी आदि गांवों के किसानों ने बताया कि क्षेत्र में जल रसातल में चला गया है।

यहां पानी का वर्षभर संकट बना रहता है

यहां पानी का वर्षभर संकट बना रहता है। क्षेत्र में पैदावार वर्षा पर आधारित है। बारिश के बिना यहां सूखे की स्थिति बन जाती है। बारिश के बिना बुवाई पिछड़ रही है। किसानों ने बताया कि जून के तीसरे सप्ताह के बाद किसान आसमान में काले बादलों का इंतजार करते हुए खेत में काम कर रहे हैं। अधिकांश किसानों को बुवाई का इंतजार है। गत दिनों हुई बारिश के दौरान कई किसानों ने बुवाई कर दी, लेकिन अब तेज धूप और पर्याप्त नमी के अभाव में बीज जलने का खतरा है। किसानों के सामने सिंचाई की नौबत आ रही है। कृषि वैज्ञानिक विशाल मेश्राम ने बताया कि जून के दूसरे सप्ताह के बाद से ही खरीफ फसलों की बुवाई का उत्तम समय है। दो दिन पहले तक आसमां में छाए बादलों की घटा कमजोर पडऩे से अब तेज धूप के साथ गर्मी पड़ रही है। इस बार मानसून की बेरूखी से बुवाई में देरी हो रही है।


बीज 2018 2019 वृद्धि
धान सुगंधित 4700 5200 500
सोयाबीन 5650 5800 150
तिल 10350 13000 2650
मूंगफली 6080 6450 370
मक्का 3500 3750 250
ज्वार 3780 4850 1070
मूंग 7850 9550 1700
उड़द 7750 8050 300
अरहर 8000 8350 350

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