मंदिर में प्रसाद से ज्यादा जरूरी है घर में बैठे बुजुर्ग को भोजन
मंदिर में प्रसाद से ज्यादा जरूरी है घर में बैठे बुजुर्ग को भोजन
मंदिर में प्रसाद से ज्यादा जरूरी है घर में बैठे बुजुर्ग को भोजन
मंडला. गायत्री मंदिर में महिला संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें धर्म व पर्यावरण के लेकर विचार विमार्श किया गया। जिसमें सरिता अग्निहोत्री के द्वारा प्रतिदिनि 7 बजे शाम को गायत्री महा मंत्र का जाप करने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया गया। उन्होंने कहा कि घर में माता-पिता, सास ससुर या अन्य कोई भी बुजुर्ग हो उनकी सेवा को प्राथमिकता दें। घर में बुजुर्ग आपके भूखे बैठे रहे और आप मंदिर में लाकर प्रसाद चढ़ाएं तो इससे भगवान प्रसन्न नहीं होंगे। ना ही घर में बैठे बुजुर्ग रूपी भगवान प्रसन्न होंगे। जीवित व्यक्तियों में सुधी जनों में ईश्वर का रूप देखें और उन्हें सम्मान के साथ सब कुछ अर्पित करें। महिलाओं से कहा की बच्चों को संस्कार सिखाएं। अपने साथ अपने चम्मच कटोरी गिलास लेकर चलें ताकि डिस्पोजल का प्रयोग करने से बच सकें। मां नर्मदा जी की सुचिता और स्वच्छता बनाए रखें। सोनी समाज की महिलाओं के द्वारा हल्दी-कुमकूम कार्यक्रम रखा गया। इस कार्यक्रम में शामिल होकर अग्निहोत्री ने महिलाओं को बताया कि वे ही घर की असली महारानी और लक्ष्मी है अन्नपूर्णा है वह अपने को अनदेखा ना करें