परिवार से दूर बिना अवकाश के तीन माह से सेवा दे रहे डॉ पैगवार
मंडला•Jul 01, 2020 / 05:41 pm•
Mangal Singh Thakur
जिम्मेदारियों ने विदेश में फंसी बेटी की चिंता भुलाई
रोहित चौकसे
निवास. डॉक्टर को भगवान का रूप कहते हैं। आदिवासी बहुल्य जिले में जहां सुविधाओं का अभाव है वहां सेवा दे रहे डॉक्टरों की एहमियात और अधिक बढ़ जाती है। आज डॉक्टर डे पर ऐेसे ही डॉक्टर से मुलाकात करा रहे हैं जो समाज के लिए परिवार से दूर, दिन और रात का समय नहीं देखा। कोरोना संक्रमण के दौरान विपरित परिस्थितियों में भी लोगों तक पहुंचे और अपने क्षेत्र में संक्रमण को फैलने से बचाए रखा। हम बात कर रहे हैं निवास ब्लॉक के बीएमओ डॉ विजय पैगवार की। जो कोरोना संक्रमण की शुरूआत से लेकर अब भी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कोरोना के लिए एलर्ट जारी होते ही चिकित्सकों के अवकाश भी निरस्त कर दिए गए। अपनी जिम्मेदारी निभाने परिवार से मिलना भी दूर हो गया। पैगवार का परिवार वर्तमान में जबलपुर में निवास रत है। जिसमें मां, भाई, पत्नी व दो बेटियां है। एक बेटी उच्च शिक्षा के लिए विदेश में पढ़ाई कर रही है। जो कोरोना काल में वहीं फंसी हुई है। पैगवार को बेटी की चिंता भी है और समाज की भी लेकिन अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटे। बिना अवकाश के लगातार दिन माह से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस दौरान एक दिन परिवार से मिलने जबलपुर पहुंचे, लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के डर से बाहर से मिलकर वापस निवास आ गए। पैगवार का कहना है कि निवास को कोरोना संक्रमण से बचाने में टीम का सहयोग महत्वपूर्ण रहा। टीम वर्क के कारण ही अब तक सफल होते रहे हैं।
प्रदेश में कोरोना महामारी की बात करें तो शुरुवाती संक्रमित जबलपुर में मिले थे, चूंकि जबलपुर और निवास की सीमा से जुड़ा हुआ है। पहले संंक्रमित की हिस्ट्री निवास से भी जुड़ी। पॉजिटिव के सम्पर्क में आये ग्राम रेंडम, बिशनपुरा, चिखली के व्यक्तियों की जांच कर व्यक्तियों को चिन्हित कर तुरन्त उन्हें आइसोलेट करने से लेकर कोरोना जांच तथा परिणाम आने तक सक्रिय भूमिका निभाई गई। कोरोना संक्रमण की आधी-आधूरी जानकारी के साथ ही उपकरण व प्रशिक्षण के अभाव में कार्य करना काफी चुनौती पूर्ण रहा। निरन्तर सुरक्षा का ध्यान रखते हुए डॉक्टर्स के साथ-साथ समस्त स्टाफ ने दिन-रात कोरोना संक्रमण से निपटने में लगे रहे। डॉ विजय पैगवार ने निरन्तर चेक पोस्ट का निरीक्षण भी किया। संदिग्धों की जांच और उपचार में तत्परता दिखाई।
समय निकलने के साथ ही धीरे-धीरे लॉक डाउन में ढील दी गई। चेक पोस्ट भी बंद कर दिए गए। उसके बाद भी हमारे स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रत्येक बाहर से आने वाले श्रमिकों तथा अन्य व्यक्तियों पर पैनी नजर बनाये रखा। श्रमिकों के आने का सिलसिला जारी रहा और अचानक कुछ दिन पूर्व हाथीतारा क्षेत्र में एक कोरोना संक्रमित मिला। लेकिन डॉ विजय पैगवार की तत्परता दिखाते हुए उसका सैम्पल लेकर जांच के लिए भेजा और सम्बन्धितो को क्वारंटाइन करने की कार्यवाही की। इसका परिणाम यह हुआ कि अन्य व्यक्ति सम्पर्क में नही आए तो क्षेत्र सुरक्षित रहा। हलांकि अभी ग्राम हाथी तारा कंटेमेंनट एरिया में शामिल है। अब भी निरन्तर चिकित्सकों और स्वास्थ विभाग के समस्त कर्मचारियों द्वारा निरन्तर गाँव-गाँव और घर-घर का सघन सर्वे शुरू किया और निरन्तर किया जा रहा है।